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99 फीसद अवरूद्ध धमनियां, 22 फीसद धड़क रहा था हार्ट, हाई रिस्क बायपास के बाद मिली नई जिंदगी 

आगरा :  आम तौर पर गंभीर ह्दय रोगों का उपचार कराने आगरा से लोग दिल्ली व अन्य शहरों में जाते हैं, लेकिन पहली बार इसका उलट हुआ। दिल्ली समेत कई शहरों में उच्च जोखिम के चलते ह्दय रोगी के वापस लौटने पर आगरा में बाईपास सर्जरी की गई। उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल के ह्दय रोग विशेषज्ञों ने उच्च जोखिम ह्दय रोगी की जटिल सर्जरी के बाद जान बचाई। वरिष्ठ ह्दय रोग विशेषज्ञ डाॅ. शशिकांत वीवी ने बताया कि 55 वर्षीय व्यक्ति को सीने में तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने पर पहले आगरा फिर दिल्ली समेत कई शहरों में दिखाया गया लेकिन उच्च जोखिम के चलते सर्जरी नहीं की गई। आगरा वापस आने के बाद किसी परिचित से उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल में दिखाने की सलाह मिली। कार्डियक जांचों से पता लगा कि ह्दय को रक्त प्रवाह करने वाली तीनों धमनियां 99 प्रतिशत तक अवरूद्ध हैं। थोड़ी भी गतिविधि से सीने में तेज दर्द हो रहा है और सांस लेने मेें भी मुश्किल है। ह्दय की धड़कन भी सिर्फ 22 फीसद थी। इन हालातों में ब्लाॅकेज दूर करने में ज्यादा सफल हाई रिस्क कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राॅफिटंग सर्जरी (सीएबीजी) के साथ इंट्रा एरोटिक बलून पंप (आईएबीपी) की गई। आईएबीपी के साथ इस तरह की उच्च जोखिम वाली हाई रिस्क सर्जरी आगरा में पहली बार की गई। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है और कुछ दिनों में अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत आने पर इस उपचार के लिए मरीज को एक रूपया भी खर्च नहीं करना पड़ा। उपचार करने वाली टीम में डाॅ. शशिकांत वीवी के साथ ही डाॅ. पाटेकर और हिमांशु सोलंकी शामिल थे। उजाला सिग्नस रेनबो कार्डियक केयर के निदेशक और वरिष्ठ ह्दय रोग विशेषज्ञ डाॅ. वीनिश जैन और उनकी कार्डियक टीम ने देखरेख और समन्वय प्रदान किया।

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