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बिल जमा नहीं हुआ गुल हो सकती है आईडीपीएल की बत्ती

ऊर्जा निगम का आईडीपीएल फैक्टरी पर 56.55 करोड़ का बिजली बिल बकाया है। भुगतान के लिए शासन स्तर पर भी बैठक हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। वर्तमान में आईडीपीएल फैक्टरी और आवासीय कॉलोनियों का एक माह का बिजली बिल 20 लाख रुपये आ रहा है जबकि आईडीपीएल आधा ही बिल जमा कर पा रहा है। यहीं हाल रहा तो यहां की बिजली कभी भी गुल हो सकती है।

आईडीपीएल में बनती थीं कई एंटीबायोटिक दवाइयां
1962 में आईडीपीएल की फैक्टरी की आधार शिला रखी गई थी। 1965 में उत्पादन शुरू हुआ था। सोवियत रूस के सहयोग से बनी इस फैक्टरी में कई एंटीबायोटिक दवाइयों का उत्पादन होता था। फैक्टरी 834 एकड़ भूमि में है। इसकी स्थापना के बाद 2700 क्वार्टरों का निर्माण किया गया। इसके अलावा दुकानें, शॉपिंग सेंटर, एक इंटरमीडिएट कॉलेज, एक केंद्रीय विद्यालय, एक डाकघर, पुलिस स्टेशन, खेल के मैदान और एक सामुदायिक केंद्र भी बनाया गया। 1997 में फैक्टरी में उत्पादन बंद हो गया। आईडीपीएल प्रशासन के कहने पर टाउनशिप में रहने वाले लोगों ने वीआरएस ले ली। यहां आवासीय कॉलोनियों में अलग-अलग विभागों और आईडीपीएल फैक्टरी में काम करने वाले लोगों के परिजन रह रहे हैं।

आईडीपीएल फैक्टरी पर 56.55 करोड़ का बकाया है। ऊर्जा निगम ने केंद्र और राज्य स्तर पर समीक्षा कर चुका है। आईडीपीएल का बिल 20 लाख रुपये प्रतिमाह आ रहा है। इसमें केवल 10 लाख रुपये ही जमा हो रहे हैं। – शक्ति प्रसाद, अधिशासी अभियंता, ऊर्जा निगम ऋषिकेश

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