प्रदेश में रह रहे बाहर के खिलाड़ी भी उत्तराखंड का कर सकेंगे प्रतिनिधित्व
38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का प्रदर्शन बेहतर हो इसके लिए खेल विभाग और उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में सरकारी नौकरी कर रहे बाहरी राज्यों के कर्मचारियों के बच्चे भी अब उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर सकेंगे। इस निर्णय से दूसरे जगह के उन खिलाड़ियों को बड़ी राहत मिली है जो यहां सालों से रहकर अलग-अलग खेलों में प्रतिभाग करते हैं।
उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव डीके सिंह ने बताया कि दूसरे प्रदेश के कई सारे ऐसे लोग हैं जो यहां सरकारी नौकरी करते हैं। इनका परिवार उनके साथ रहता है। इनके बच्चे किसी भी खेल में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाते थे, क्योंकि अभी तक मूल निवास के आधार पर बच्चों का चयन होता था। उन्होंने बताया कि अब जिनके पिता सरकारी नौकरी में हैं और वे दूसरे राज्य से हैं उसे उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि सोमवार को खेल विभाग के साथ हुई संयुक्त बैठक के दौरान ये निर्णय लिया गया। सचिव डीके सिंह ने कहा कि कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनमें काफी प्रतिभा है। लेकिन वे अभी तक इन नियमों की वजह से उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाते थे। अब ये खिलाड़ी उत्तराखंड की ओर से खेल सकेंगे।
विभिन्न खेलों के संघ ही तय करते हैं कि टीम में कौन से खिलाड़ी प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन ने जो फैसला लिया है, उससे खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा – धर्मेंद्र भट्ट, डिप्टी डायरेक्टर