Thu. Nov 14th, 2024

मोतीचूर रेंज में बाघों की गतिविधियां बढ़ी, ट्रैप कैमरे में कैद हुई तस्वीर

राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की मोतीचूर रेंज में लगे ट्रैप कैमरों में बाघों की चहलकदमी दिखी। इनकी सुरक्षा पार्क अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती है। हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग पर चीला-मोतीचूर वन्य जीव गलियारे पर फ्लाईओवर बनने के बाद वन्य जीवों का आना-जाना सरल हो गया है। कई वर्षों के बाद इसके सुखद परिणाम भी सामने आने लगे हैं।

मोतीचूर रेंज वन्य जीव अंग तस्करी के कई मामले में बेहद संवेदनशील है। जंगल से सटे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने बाघ की दहाड़ सुनी है। बीते डेढ़ माह से यहां बाघ की गतिविधि लगातार बनी हुई है। बाघ की गतिविधि शुरू होने से राजाजी पार्क के अधिकारी उत्साहित हैं।

दरअसल राजाजी पार्क का दक्षिण पश्चिम हिस्सा बाघ विहीन है जबकि बाघों के संरक्षण के लिहाज से यह क्षेत्र काफी अनुकूल माना जाता है। यही वजह है कि यहां बाघों का कुनबा बढ़ाने की योजना के तहत 24 दिसंबर 2020 में कार्बेट से एक बाघिन और फिर नौ जनवरी 2021 को एक बाघ को मोतीचूर रेंज शिफ्ट किया गया। अब चीला से भी एक नर बाघ मोतीचूर की तरफ आने-जाने लगा है। ऐसे में यहा बाघों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

चीला से एक नर बाघ कॉरिडोर से होकर मोतीचूर रेंज में आ रहा है। यह काफी महत्वपूर्ण है। इससे बाघों की संख्या बढ़ेगी। वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए चाक चौबंद व्यवस्था है। विशेष गश्ती टीम चौकस रहती है। संवेदनशील जगहों पर कैमरा ट्रैप भी लगे हैं

– आलोकी, रेंज अधिकारी, मोतीचूर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *