अब आरईएस बनाएगा मल्टीस्टोरी पार्किंग का स्टीमेट
रुद्रपुर। शहर में पार्किंग की समस्या दूर करने के लिए प्रस्तावित मल्टीस्टोरी पार्किंग निर्माण पर अड़ंगे लग रहे हैं। पहले जमीन और अब प्रोजेक्ट की वित्तीय मंजूरी के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। जिला विकास प्राधिकरण की ओर से भेजी गई 38 करोड़ की डीपीआर पर पेच फंस गया है। शासन के निर्देश पर अब प्राधिकरण ने आरईएस (ग्रामीण अभियांत्रिकी सेवा) को नए सिरे से स्टीमेट बनाने का जिम्मा सौंपा है।
रुद्रपुर में पार्किंग एक बड़ी समस्या है। मुख्य बाजार में खरीदारी करने आने वाले लोग पार्किंग नहीं होने पर वाहनों को सड़कों के किनारे खड़ा कर देते हैं। इससे शहर में जाम की दिक्कत हो जाती है। इन दिक्कतों को देखते हुए दो साल पहले पार्किंग के लिए जमीन की तलाश शुरू हुई थी और नैनीताल हाईवे से सटी सिंचाई विभाग की सवा एकड़ जमीन चिह्नित की गई थी।
बीती जुलाई में यह जमीन आवास विभाग के नाम होने के बाद जिला विकास प्राधिकरण ने 38 करोड़ रुपये की डीपीआर बनाकर मंजूरी के लिए शासन को भेजी थी। चार मंजिला पार्किंग में करीब 600 वाहन पार्क करने की क्षमता होगी लेकिन वित्तीय मंजूरी से पहले शासन ने डीपीआर पर ब्रेक लगा दिया। शासन की ओर से तर्क दिया कि यदि प्राधिकरण बजट का इंतजाम अपने संसाधनों से करे तो ठीक है लेकिन यदि सरकार से बजट मांगा जाएगा तो नियोजन विभाग में लिस्टेड कार्यदायी संस्थाओं से स्टीमेट भेजा जाए। इसके बाद प्राधिकरण ने नियोजन विभाग में लिस्टेड आरईएस को स्टीमेट बनाने का काम दे दिया है।
विधानसभा में भी उठ चुका पार्किंग का मुद्दा
रुद्रपुर। रुद्रपुर में पार्किंग का मुद्दा विधानसभा में कई बार उठ चुका है। हाल में ही रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा ने विधानसभा सत्र में नियम 53 के तहत इस मुद्दे को उठाया था और वित्तीय स्वीकृति के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। इससे पूर्व भी तत्कालीन विधायक राजकुमार ठुकराल भी पार्किंग का मामला कई बार सदन में उठा चुके हैं। नगर निगम के मेयर रामपाल सिंह ने भी पार्किंग का मामला मुख्यमंत्री और मंत्रियों के समक्ष रखने के साथ ही अपने स्तर से कोशिशें की थीं। फिलहाल अब नए सिरे से स्टीमेट बनने के बाद पार्किंग निर्माण के लिए इंतजार और बढ़ गया है।
मल्टीस्टोरी पार्किंग बनाने के लिए सरकार से ही बजट लेना है। जितना बजट पार्किंग निर्माण में खर्च होगा उतने बजट को खुद के संसाधनों से जुटाने की क्षमता प्राधिकरण की नहीं है। शासन के निर्देश के बाद अब पार्किंग का नए सिरे से स्टीमेट बनाने का काम आरईएस को दिया गया है। जल्द स्टीमेट तैयार कर वित्तीय मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। – हरीश कांडपाल, उपाध्यक्ष डीडीए।