पूर्व क्रिकेटर ने टीम चयन पर उठाए सवाल, कहा- रजत-राहुल को क्यों चुना, वनडे में उन्होंने क्या किया?
पिछले एक साल से टीम इंडिया में प्रयोग का दौर हार की मुख्य वजहों में से एक रहा है। भारतीय टीम में कई खिलाड़ियों को आजमाया गया है और इसकी वजह से टीम का प्रदर्शन भी गिरा है। टी20 वर्ल्ड कप में कई मुख्य खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी और इसके बाद सीनियर खिलाड़ियों को आराम और नए खिलाड़ियों को मौका देना भारत के लिए अब तक सही साबित नहीं हुआ है।
राहुल त्रिपाठी राइजिंग पुणे सुपर जाएंट्स, राजस्थान रॉयल्स, कोलकाता नाइट राइडर्स और अब सनराइजर्स हैदराबाद जैसी कई टीमों से आईपीएल खेल चुके हैं और लीग में कंसिस्टेंट परफॉर्म करने वालों में से एक रहे हैं, लेकिन उनकी लिस्ट ए संख्या आकर्षक नहीं है। महाराष्ट्र के लिए 53 मैचों में उन्होंने 37 की औसत से 1782 रन बनाए हैं। त्रिपाठी और पाटीदार में से कम से कम एक के बांग्लादेश के खिलाफ शनिवार को होने वाले तीसरे और अंतिम वनडे मैच में डेब्यू करने की संभावना है। ऐसा इसलिए क्योंकि नियमित कप्तान रोहित शर्मा और दीपक चाहर चोटिल होने के कारण बाहर हो गए हैं
भारत अपने कई प्रमुख खिलाड़ियों को या तो चोटों के कारण या वर्कलोड मैनेजमेंट की वजह खो रहा है। बुमराह, रवींद्र जडेजा, शमी चोट के कारण बांग्लादेश दौरे से बाहर हैं, जबकि ऋषभ पंत, हार्दिक पांड्या, अर्शदीप सिंह, सूर्यकुमार यादव और भुवनेश्वर कुमार को आराम दिया गया है। रोहित, विराट कोहली और केएल राहुल जैसे खिलाड़ी न्यूजीलैंड दौरे पर नहीं गए थे, जहां शिखर धवन और हार्दिक पांड्या ने भारत की वनडे और टी20 टीम का नेतृत्व किया था
भारत के पूर्व हरफनमौला रितिंदर सिंह सोढ़ी ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत अपने शीर्ष खिलाड़ियों को बार-बार ब्रेक देने की प्रवृत्ति को दूर करे। उन्होंने कहा- हार्दिक पांड्या शानदार फॉर्म में थे, लेकिन ब्रेक से लौटने के बाद उन्हें बल्ले और गेंद से भी थोड़ा संघर्ष करना पड़ा। आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें भारत की कप्तानी भी मिली, लेकिन अब फिर से उनका ग्राफ थोड़ा नीचे आ गया है। हार्दिक जैसे खिलाड़ियों को लगातार खेलना होगा। ब्रेक लेने का यह चलन खत्म होना चाहिए। सीरीज गंवाने के बाद भारत अब शनिवार को अंतिम वनडे में मेजबान टीम को हराकर सीरीज का अंत शानदार तरीके से करना चाहेगा