भीमताल (नैनीताल)। पर्वतीय क्षेत्रों के मत्स्य पालकों की आजीविका बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक विधि का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए शुक्रवार को भीमताल के शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय में ठंडे पानी की मछलियों की सघन खेती के लिए पुनर्जल परिसंचरण प्रणाली को लेकर किसानों और मत्स्य पालन विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
संस्थान के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार पांडेय ने आरएएस में उन्नत और वैज्ञानिक विधि से मछली पालन कर उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से कम जगह पर कम पानी में अधिक मछली उत्पादन कर किसान अपनी आजीविका मजबूत कर सकते हैं। मत्स्य पालकों को राष्ट्रीय और वैश्विक परिदृश्य, जल गुणवत्ता आंकलन का महत्व, आरएएस में मानक संचालन प्रक्रियाएं, जोखिम प्रबंधन, चारा, रोग नियंत्रण और मत्स्य पालन के लिए विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई।
मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी डॉ. विशाल दत्ता ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र दिए गए। प्रशिक्षण में दिल्ली, पंजाब, केरल, कर्नाटक और तेलंगाना से आए 20 प्रशिक्षुओं ने प्रतिभाग किया। इस दौरान डॉ. राजेश, डॉ. बीजू सैम कमलम, डॉ. रेनू जेठी, डॉ. देबाजीत शर्मा, डॉ. आरएस पतियाल आदि मौजूद रहे।