उद्यमियों को बताई ईपीआर एक्शन प्लान भरने की विधि
काशीपुर। ईपीआर एक्शन प्लान की जटिलताओं को दूर करने के मकसद से मंगलवार को पंतनगर सिडकुल कार्यालय में उद्यमियों की कार्यशाला का आयोजन किया गया। पीसीबी के अधिकारियों ने ईपीआर एक्शन प्लान भरने की जटिलताओं को सरल करके बताया। पीसीबी ने उद्यमियों से ईपीआर एक्शन प्लान जमा न करने का कारण पूछा तो उद्यमियों ने भी अपनी समस्याएं रखीं।
हाल ही में हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में जिले के लगभग 292 प्लास्टिक उत्पादन करने वाले उद्योगों से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनओसी वापस ले ली थी। अब तक लगभग 100 उद्योगों को उत्पादन बंद करने के लिए नोटिस दिए जा चुके हैं। अन्य को भी नोटिस देने का क्रम जारी है। उद्यमियों की शिकायत थी कि उन्हें ईपीआर एक्शन प्लान भरने का समय नहीं दिया गया। ईपीआर एक्शन प्लान कैसे भरना है यह उन्हें नहीं बताया गया साथ ही कुछ उद्यमियों ने कहा था कि वह ईपीआर एक्शन प्लान के दायरे में नहीं आते।
इसी तरह की तमाम अन्य शिकायतों के निस्तारण और सरलीकरण को लेकर पंतनगर के सिडकुल कार्यालय में उद्यमियों की दो पालियों में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में उद्यमियों को बताया गया कि वे किस तरह आसानी से अपना ईपीआर भर सकते हैं और बाद में ईपीआर के आधार पर ही एक्शन प्लान बनाकर बोर्ड कार्यालय में जमा कर सकते हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी नरेश गोस्वामी ने बताया कि ऐसे उद्यमी जो प्लास्टिक का उत्पादन करते हैं या फिर पैकेजिंग में प्लास्टिक का प्रयोग करते हैं वे ईपीआर एक्शन प्लान के दायरे में आते हैं। सबसे पहले उद्यमी को ईपीआर भरने के लिए सीपीसीबी के ईपीआर रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर जाना है।
उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्हें बताना है कि कितनी प्लास्टिक का प्रयोग करते हैं और कितनी प्लास्टिक वे बाजार तक किसी भी रूप में पहुंचा रहे हैं। उद्यमियों को पोर्टल पर बताना होगा कि वे कितनी प्लास्टिक को वापस लेंगे और वापस लेने का उनका तरीका क्या होगा। अगर वे प्लास्टिक वापस लेकर किसी फैक्टरी में रि-साइकिल करवाते हैं कांट्रैक्टर के विषय में बताना होगा। पोर्टल पर दिए गए अन्य ऑप्शन को भी उद्यमियों को भरना है। बैठक में केजीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अशोक बंसल, इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के शेखर सिन्हा, अतुल असावा, सहायक पर्यावरण अभियंता सुनील कुमार, दुर्गेश कुमार, गोविंद भंडारी आदि मौजूद रहे