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आउटलेट से होगी पहाड़ के कृषि उत्पादों की बिक्री

चंपावत। चंपावत में कृषि और बागवानी से स्वरोजगार के मौके बढ़ाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। हार्टी टूरिज्म की मंजूरी के बाद अब उद्यान विभाग पौधशालाओं के नजदीक पांच स्थानों पर आउटलेट खोलेगा। इन आउटलेटों का निर्माण पांच महीने में पूरा हो जाएगा। इन केंद्रों पर स्थानीय कृषि उत्पादों की बिक्री की जाएगी।

परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत चंपावत जिले में लोहाघाट, कोलीढेक, बाराकोट, दिगालीचौड़ और देवीधुरा उद्यान नर्सरी के पास ये आउटलेट खोलने की योजना है।। इन केंद्रों पर महिला स्वयं सहायता समूह पर्वतीय कृषि उत्पादों को बेचेगा। इसका मकसद स्थानीय काश्तकारों और ग्रामीणों की आमदनी को बढ़ाना है। इसके साथ ही खरीदारों को भी ताजे और जैविक उत्पाद मिल सकेंगे। इससे पूर्व चंपावत जिले में बागवानी प्रशिक्षण केंद्र खोलने की भी तैयारी चल रही है।

उद्यान पर्यटन की भी कवायद
चंपावत। चंपावत जिले में बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। चंपावत के मुड़ियानी के उद्यान फार्म को चौबटिया की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। सेब, अखरोट, कीवी और लिलीयम की नर्सरी तैयार करने के साथ उद्यान से पर्यटन (हार्टी टूरिज्म) को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे पौधे और बागवानी से न केवल औद्यानिकी गतिविधियां बढ़ेंगी बल्कि नए तरीके का पर्यटन भी विकसित होगा।
चंपावत जिले में पांच आउटलेट के माध्यमों से उद्यान उत्पादों की बिक्री की जाएगी। तीस लाख रुपये से बनने वाले ये केंद्र पांच महीने में तैयार हो जाएंगे। इन केंद्रों के जरिये उद्यान के उत्पादों को बाजार मुहैय्या कराने के साथ स्वरोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। – टीएन पांडेय, जिला उद्यान अधिकारी, चंपावत

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