नंदा गौरा देवी कन्या धन योजना के आवेदन में आर्थिक सर्वे बन रहा बाधा
सरकार ने नंदा गौरा देवी कन्या धन योजना में इस बार 2011 के आर्थिक सर्वे में नाम दर्ज होने की अनिवार्यता कर दी है। ऐसे में कई लोग योजना के मानक पूरे नहीं कर पा रहे हैं। स्थिति यह है कि इस साल करीब 600 लोगों ने आवेदन किया है जिनमें से मात्र एक ही आवेदन मानकों को पूरा कर रहा है। पिछले वर्ष करीब 1500 लोगों ने योजना का लाभ लिया था।
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से नंदा गौरा देवी कन्या धन योजना का संचालन किया जाता है जिसमें पहली व दूसरी बच्ची के जन्म से छह माह तक आवेदन पर 11 हजार और 12वीं उत्तीर्ण करने पर 51 हजार की धनराशि दी जाती है। योजना के लिए प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोग आवेदन करते हैं लेकिन पिछले माह नवंबर दूसरे सप्ताह से पात्रता के मानक बदल दिए गए हैं।
इनमें पहली बार वर्ष 2011 के आर्थिक सर्वे में नाम मांगा जा रहा है जबकि सर्वे में बहुत कम लोगों का नाम है। वहीं खाता-खतौनी, मकान विवरण, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक डिटेल, तीन साल के पानी व बिजली के बिल आदि की जानकारी मांगे जाने से भी कई आवेदकों को दिक्कत हो रही है। अभी तक बीपीएल कार्ड, आय प्रमाणपत्र आदि से ही आवेदन हो जाता था लेकिन इस बार पात्रता के मानक बदले जाने से दस्तावेज जुटाने में ही आवेदकों के पसीने छूट रहे हैं।
स्थानीय निवासी आमेंद्र बिष्ट का कहना है कि सरकार के आर्थिक सर्वे को पात्रता का आधार बनाने से आय प्रमाण पत्र और बीपीएल कार्ड किसी काम नहीं आ रहा है जिससे कई पात्र आवेदक पात्रता से बाहर हो गए हैं। ग्रामीण बैसाखू लाल व सरिता बिष्ट ने भी सरकार से योजना के लिए पात्रता मानकों को सरल बनाने की मांग की है।
सरकार की ओर से जारी शासनादेश के अनुरूप ही सभी आवेदकों से दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। आर्थिक सर्वे में नाम नहीं होने से दिक्कत हो आ रही है। अभी नए मानकों के अनुसार एक मात्र आवेदन की प्राप्त हुआ है।
-यशोदा बिष्ट, जिला बाल विकास अधिकारी उत्तरकाशी