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देहरादून में E-Rickshaw की ‘रेल’ पर अब कसेगी नकेल, थम सकते हैं बेधड़क दौड़ रहे चक्के

देहरादून :  शहर की मुख्य सड़कों पर बेधड़क दौड़ रही ई-रिक्शा की ‘रेल’ के चक्के शायद अब थम सकते हैं।

सरकार की ओर से ई-रिक्शा का संचालन मुख्य मार्गों पर प्रतिबंधित करने को लेकर 28 अगस्त-2019 को नोटिफिकेशन जारी किया था, लेकिन प्रतिबंध के बावजूद पुलिस एवं परिवहन विभाग इनका संचालन मुख्य मार्गों पर रोकने में फेल रहे।

पुलिस ने मुख्य चौराहों और मार्गों पर इनकी नो-एंट्री का प्रस्ताव सरकार को भेजा था, पर पुलिस अपने ही प्रस्ताव का पालन नहीं करा पाई। जिससे शहर में पूरे दिन जगह-जगह जाम लगता है। अब आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने अगस्त-2019 के नोटिफिकेशन को लागू कराने की बात कही है।

आरटीओ ने कहा कि प्रतिबंधित मार्गों पर दौड़ रहे ई-रिक्शा के चालान किए जाएंगे। गुरुवार से शहर में अभियान चलाकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

केवल गली या संपर्क मार्गों पर ही चल सकते हैं ई-रिक्शा

शहर में जाम का पर्याय बने ई-रिक्शा पर लंबी मशक्कत और कसरत के बाद सरकार ने 28 अगस्त-2019 को शहर के उन सभी चौराहों-तिराहों व मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित कर दिया था, जहां यातायात का दबाव अधिक रहता है।

राज्य सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। इसके अनुसार ई-रिक्शा केवल गली या संपर्क मार्गों पर ही चल सकते हैं।

सरकार ने आदेश का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन पुलिस, परिवहन विभाग व नगर निगम को संयुक्त रूप से सौंपी थी। यही नहीं, सरकार ने उन समस्त प्रतिबंधित मार्गों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री के बोर्ड भी लगाने के आदेश दिए थे। जिसमें नो-एंट्री का समय सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक दर्ज करने को कहा गया था, लेकिन न प्रशासन ने कोई कदम उठाया, न पुलिस ने

सरकार के आदेश के शुरुआती दिनों में इन पर जरूर नकेल रही, लेकिन कुछ दिन बाद ही ई-रिक्शा फिर से मुख्य सड़कों पर दौड़ने लगे। इसके बाद वर्ष 2020 में यातायात पुलिस ने ई-रिक्शा संचालन के लिए मार्ग भी तय किए, लेकिन शायद ही कोई संचालक इसका पालन कर रहा हो। इसी क्रम में परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमों ने गुरुवार से शहर में ई-रिक्शा पर कार्रवाई शुरू कर दी।

शहर में आमजन की परिवहन सुविधा और प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए चलाए गए ई-रिक्शा आज शहर के लिए ‘नासूर’ बन गए हैं। मुख्य मार्ग, प्रमुख चौराहों व तिराहों पर इनका झुंड नजर आता है।

यह न केवल ट्रैफिक जाम, बल्कि जनता के लिए बड़ी परेशानी भी बन चुके हैं। यदि आंकड़ों पर गौर करें तो परिवहन विभाग के रिकार्ड के तहत वर्तमान में दून में 4000 से अधिक ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। पंजीकृत ई-रिक्शा के साथ बड़ी संख्या में गैर-पंजीकृत ई-रिक्शा भी दौड़ रहे हैं।

पटेलनगर लालपुल, आइएसबीटी तिराहा, निरंजनपुर मंडी तिराहा, कारगी चौक, प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, घंटाघर, बल्लीवाला व बल्लूपुर चौक, प्रेमनगर, शिमला बाईपास तिराहा, दून अस्पताल तिराहा, जोगीवाला चौक, धर्मपुर, बिंदाल तिराहा, दर्शनलाल चौक, रिस्पना पुल, सर्वे चौक, सहारनपुर चौक, पथरीबाग चौक आदि।

सरकार ने घंटाघर, आइएसबीटी, रेलवे स्टेशन और परेड ग्राउंड से ई-रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित किया है। सुबह आठ से रात आठ बजे तक चार केंद्रों पर ई-रिक्शा का संचालन कानूनन नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद आजकल यहां फिर से ई-रिक्शा पुलिस-परिवहन विभाग को मुंह चिढ़ाते हुए बेधड़क दौड़ रहे हैं।

इन रूटों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री के बावजूद धड़ल्ले से हो रही एंट्री

  • घंटाघर से प्रेमनगर वाया चकराता रोड, किशनगर, बल्लूपुर चौक।
  • घंटाघर से आइएसबीटी वाया प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, सहारनपुर चौक, पटेलनगर लालपुल, माजरा।
  • घंटाघर से जोगीवाला तक वाया आराघर, धर्मपुर व रिस्पना पुल।
  • घंटाघर से जाखन तक वाया राजपुर रोड, दिलाराम बाजार।
  • घंटाघर से लाडपुर तक वाया परेड ग्राउंड, सर्वे चौक, सहस्रधारा क्रासिंग।
  • रिस्पना पुल से आइएसबीटी वाया कारगी चौक।
  • शिमला बाईपास से बड़ोवाला पुल तक वाया मेहूंवाला, तेलपुर चौक।

ई-रिक्शा पर कार्रवाई के पहले दिन परिवहन विभाग ने 20 ई-रिक्शा का चालान किया, जबकि दो को सीज किया गया। आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी ने बताया कि सीज किए गए दोनों ई-रिक्शा वर्ष 2019 से बिना टैक्स चुकाए और बिना फिटनेस के दौड़ रहे थे।

चालान किए गए ज्यादातर ई-रिक्शा न केवल प्रतिबंधित मार्गों पर दौड़ रहे थे, बल्कि ओवरलोड व अनिंयत्रित तरीके से भी चल रहे थे। इनमें से ज्यादातर चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं था।

सरकार ने शहर में सात मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था। जिन मार्गों पर प्रतिबंध है, ई-रिक्शा वहां नहीं चल सकते। संचालकों की ओर से पुलिस से दोबारा मार्गों के सर्वे की मांग की गई थी, जो 2020 में ही पूरी हो चुकी है। अब परिवहन विभाग की ओर से प्रतिबंध के नोटिफिकेशन का अनुपालन कराया जाएगा।

 शैलेश तिवारी, आरटीओ (प्रवर्तन)

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