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एचआईआईएमएस ने मेरठ में खोला1000 बेड का आर्युवेद का अस्पताल

  मेरठ। अब कि डनी ,लिवर ,कैंसर और थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी के लिये मरीजों को परेशान नहीं होना पडेगा। मेेरठ के सिवालखास  में नगंला कुंभा में एकीकृत चिकित्सा विज्ञान संस्थान ने एक हजार बेड का आयुर्वेदिक अस्पताल खोला है। जिसका शुभारंभ रविवार को आचार्य  मनीष ने किया।शुरूआती तौर पर 150 बैड का अस्पताल आरंभ हुआ है। अगले माह बेड की संख्या बढाई जाएगी ।
एचआईआईएमएस मेरठ केन्द्र के शुभारम्भ अवसर पर एचआईआईएमएस और शुद्धि क्लीनिक के संस्थापक योग गुरु आचार्य मनीष ने कहा कि एचआईआईएमएस में हमारा लक्ष्य किसी भी बीमारी के मूल कारण का पता लगाना है और इसके लिए हम विशेष तौर पर एकीकृत विज्ञान को इस्तेमाल में लेंगे, चाहे किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी जैसे गुर्दे की विफलता, यकृत की विफलता या कैंसर जैसी पुरानी और गंभीर बीमारी ही क्यों न हो, न जाने कितने ही मरीजों के लिए हमारा आयुर्वेदिक इलाज उनके जीवन में आशा की किरण बनकर आया है  कई ऐसे मरीज भी आये जो कि ठीक होने की उम्मीद भी खो चुके थे परन्तु हमारे माध्यम से उन्हें सफलता प्राप्त हुई।
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद किसी भी बीमारी का इलाज कर सकता है आयुर्वेद सिर्फ जड़ी.बूटियों के उपयोग तक ही सीमित नहीं बल्कि आज के आधुनिक समय में इसका दायरा काफी ज्यादा बढ़ चुका है। एचआईआईएमएस में इलाज से हमारा लक्ष्य यही है कि रोगियों को प्रकृति से जोड़ना है ताकि उन्हें यह महसूस हो कि उन्हें प्रकृति ने ही ठीक किया है।
डॉ. नेहा और डॉ. यामिनी नेहा ने कहा, विभिन्न अस्पतालों में बहुत समय और पैसा खर्च करने के बाद विभिन्न डायलिसिस रोगी हमारे अस्पताल में आते हैं एचआईआईएमएस में हमारी टीम उन्हें आवश्यक उपचार प्रदान करने के लिए अथक प्रयास करती है और हमने अपने कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगियों को कुछ महीनों के भीतर ही पूरी तरह से ठीक किया है।
डॉ. यामिनी ने संबोधन में बताया कि हमारा इलाज करने का तरीका अन्य अस्पतालों में मिलने वाले इलाज से काफी अलग है पहला तरीका सकारात्मक रहना है और अपने रोगियों में सकारात्मकता फैलाना है हम मरीजों को यह महसूस कराते हैं कि उनके अंदर एक ऊर्जा है जो उन्हें ठीक कर सकती है तब सही वातावरण सही आहार और पोस्टुरल थेरेपी, अर्थिंग और जीवित पानी बनाने जैसी तकनीकें हमारे रोगियों के जल्दी ठीक होने का आधार बन जाती हैं हमारी पोस्टुरल थेरेपी 70: रोगियों में डायलिसिस को तुरंत रोक सकती है और 100: उच्च रक्तचाप के रोगियों को नियंत्रित कर सकती है।

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