Wed. Apr 30th, 2025

रोडवेज को लगी 16.58 लाख की चपत

बसों की समय पर फिटनेस न कराना और टैक्स नहीं भरना रोडवेज को महंगा पड़ गया। विभाग को 16.58 लाख का जुर्माना भरना पड़ा। इतना ही नहीं फिटनेस के अभाव में जो बसें वर्कशाप में खड़ी रहीं, उससे प्रतिदिन डेढ़ लाख रुपये का अलग से नुकसान हुआ। श्रीनगर डिपो की नौ बसों की समय पर फिटनेस करा दी होती तो करीब साढ़े तीन लाख रुपए अतिरिक्त नहीं देने पड़ते।

हैरानी की बात है कि इस मामले में किसी की जिम्मेदारी तय गई न कोई कार्रवाई हुई। रोडवेज की श्रीनगर डिपो के अधीन नौ बसों का संचालन होता है। करीब दो साल पहले श्रीनगर गढ़वाल डिपो के एजीएम का तबादला मुख्यालय में कर दिया था। उसके बाद से डिपो एक उपनल कर्मचारी के भरोसे चल रहा है दुगड्डा के पास चेकिंग के दौरान अनफिट पाई गई थी बस नवंबर माह में जांच के दौरान के एआरटीओ कोटद्वार की ओर से श्रीनगर से कोटद्वार जा रही रोडवेज बस को दुगड्डा में जांच के लिए रोका था। जांच के दौरान यह बात सामने आयी थी कि बस की फिटनेस नहीं हो रखी है तीन साल से टैक्स भी जमा नहीं हो रखा है। उसके रोडवेज मुख्यालय के आदेश पर डिपो की बसों को ऋषिकेश डिपो की वर्कशाप में खड़ा कर दिया गया था।
तीन साल से नहीं भरा था टैक्स
परिवहन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार रोडवेज की एक बस टैक्स 31,120 रुपये था। रोडवेज बसों का तीन साल से टैक्स जमा नहीं था, कुल टैक्स जनवरी 2020 से दिसंबर 2022 तक जमा कराया। इसमें एक साल का टैक्स कोविड के कारण माफ किया गया। समय पर टैक्स जमा करने पर प्रति बस 31,120 रुपये जुर्माना भरना पड़ा। नौ बसों का टैक्स 2,80,080 जमा किया गया। इतनी ही राशि जुर्माने के रूप में जमा करनी पड़ी। वहीं समय पर फिटनेस न कराने पर प्रति बस, प्रति दिन 50 रुपये के हिसाब से जुर्माना लगाया गया। एक बस पर फिटनेस को लेकर दो साल का जुर्माना 36,500 रुपये लगाया गया। नौ बसों पर लगने वाली जुर्माने की कुल राशि 3,28,500 हुई। जुर्माने के रूप में रोडवेज को 6,08580 रुपये परिवहन विभाग में जमा करने पड़े। जबकि एक सप्ताह तक श्रीनगर डिपो की नौ बसें रोडवेज वर्कशाप में खड़ी रहीं। इससे रोडवेज को करीब 10.50 लाख का नुकसान हुआ। श्रीनगर डिपो की बसों को लेकर रोडवेज को कुल 16,58,580 रुपये का नुकसान हुआ।

रोडवेज की श्रीनगर डिपो की जिन बसों का समय पर टैक्स जमा नहीं कराया गया, उन बसों पर जितना टैक्स लगा उतना ही जुुर्माना लगाया गया। बसों के तीन साल के टैक्स में एक साल की छूट दी गई। समय पर फिटनेस न कराने पर 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब जुुर्माना लगाया जाता है। – मोहित कोठारी, एआरटीओ प्रवर्तन

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