बाल वाटिका में बच्चों को मिलेगी डिजीटल उपकरणों से शिक्षा
भीमताल (नैनीताल)। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में सुविधाओं की कमी के चलते विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है, जो कि शिक्षा विभाग के लिए चिंता का विषय है। वहीं दूसरी ओर रामगढ़ ब्लॉक की खंड शिक्षाधिकारी गीतिका जोशी की नई पहल के चलते तल्ला रामगढ़ के राजकीय प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी को बाल वाटिका के रूप में हाईटेक बनाकर प्राइवेट स्कूलों को भी पीछे छोड़ने का काम किया है।
नई शिक्षा नीति के तहत विद्यालय को सुविधा संपन्न बनाने के लिए बीईओ गीतिका जोशी ने अपने पारिवारिक रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ विद्यालय की बाल वाटिका का कायाकल्प किया है।
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने जुलाई में चिंतन शिविर में प्रत्येक शिक्षा अधिकारी को एक विद्यालय गोद लेकर उसे संसाधन संपन्न बनाने का आह्वान किया था। उसी को ध्यान में रखते हुए बीईओ ने विद्यालय का स्वरूप बदला है। शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने भी अधिकारियों को प्रेरित किया है।
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हाईटेक फर्नीचर, स्मार्ट टीवी, खिलौने बढ़ा रहे रौनक
बीईओ की पहल पर बाल वाटिका को हाईटेक बनाया गया है। इसमें हाईटेक फर्नीचर, बच्चों के सोने के लिए बंक बेड, स्मार्ट टीवी, खिलौने, पुस्तकों और शैक्षणिक सामग्री, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बटर फ्लाई गार्डन, किचन गार्डन, पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष और डिजीटल उपकरणों से शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। बाल वाटिका में प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने का प्रयास किया गया है।
ये लोगों ने किया सहयोग
विद्यालय को बाल वाटिका के रूप में विकसित करने में हल्द्वानी एआरटीओ विमल पांडे, राहुल पैगिया, सचिन मंगला, एडवोकेट आशु जोशी, यू ट्यूबर सौरभ जोशी, मोहिनी पंत, तल्ला रामगढ़ के श्री अरबिंदो आश्रम मधुबन की निदेशक डॉ. अंजू खन्ना और हिमवत्स फाउंडेशन ने विशेष सहयोग दिया है।
– सरकारी शिक्षा में सुधार करना और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी भी है। समाज के संसाधनों का प्रयोग करके ही हम किसी मुकाम तक पहुंच पाएंगे। समाज के अच्छे लोग इस काम में हमें सहयोग कर रहे हैं। – गीतिका जोशी, बीईओ रामगढ़
– ये एक अच्छी पहल है इस तरह विद्यालय को हाईटेक बनाने से लोग सरकारी विद्यालयों के प्रति लगाव रखते हुए अपने बच्चों का प्रवेश कराएंगे। रामगढ़ बीईओ की इस पहल को अन्य विकासखंडों में भी लागू करना चाहिए। – डॉ. संदीप तिवारी, सीडीओ