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आरटीओ को हर साल तीन लाख फाइलों से मिलेगी मुक्ति

हल्द्वानी। निजी और व्यवसायिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन में वाहन डीलरों की भूमिका बढ़ा दी गई है। अब सभी औपचारिकताएं डीलर स्तर पर ही हो जाएंगी। ऐसे में परिवहन विभाग में हर साल आने वालीं औसतन तीन लाख फाइलों का आना बंद हो जाएगा।

परिवहन विभाग में कर्मचारियों और अधिकारियों पर काम का दबाव कम करने के लिए वाहनों के रजिस्ट्रेेशन प्रक्रिया में डीलरों की भूमिका बढ़ा दी गई है। वाहन डीलरों को वाहन 4.0 पोर्टल पर एडमिन यूजर आईडी उपलब्ध करायी जाएगी। इस आईडी के आधार पर डीलर डाटा इंट्री, डॉक्यूमेंट अपलोड, शुल्क, डाटा सत्यापन और फार्म मुद्रण कराएंगे। डीलर प्रतिनिधि अपनी लॉग इन आईडी से वाहन की बिक्री के समय वाहन का चैसिस नंबर फीड करेगा जिसके बाद बाकी की जानकारी स्वत: ही अपलोड हो जाएगी। संबंधित आरटीओ/एआरटीओ अपने कार्यालय में ही ऑनलाइन जांच के बाद रजिस्ट्रेशन को एप्रूवल देंगे। यदि कोई गलती नजर आई तो एप्रूवल रद्द कर दिया जाएगा।

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में पूरे साल में करीब तीन लाख वाहन रजिस्ट्रेशन की फाइलें आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय में पहुंचती हैं। इस सुविधा के शुरू होने के बाद कार्यालयों में भीड़ कम हो जाएगी और ये फाइलें आना बंद हो जाएंगी। इससे कर्मचारियों पर काम का दबाव कम होगा।
उत्तराखंड के संयुक्त परिवहन आयुक्त, सनत कुमार सिंह का कहना है कि डीलर प्वाइंट के माध्यम से ही वाहनों के पंजीयन का काम शुरू कर दिया गया है। वाहन की भौतिक पत्रावली को कार्यालय भेजने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। –

आरटीओ, विमल पांडेय का कहना है कि हल्द्वानी क्षेत्र में साल भर में 35 हजार से ज्यादा वाहनों के रजिस्ट्रेशन होते हैं। इनसे जुड़ी फाइलें कार्यालय में आती हैं। नए आदेश के बाद इन फाइलों का आना बंद हो जाएगा।
निजी वाहनों से हुई शुरूआत व्यवसायिक वाहनों तक पहुंची
हल्द्वानी। आरटीओ कर्मचारियों का काम कम करने के लिए निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन में वाहन डीलरों की भूमिका बढ़ाई गई थी। वाहन की बिक्री जरूरी फाइल वाहन डीलर के यहां तैयार की जाती थीं। हालांकि एप्रूवल के लिए फाइल को आरटीओ/एआरटीओ के पास भेजा जाता था। अब ये फाइलें भी आना बंद हो जाएंगी। पहले व्यवसायिक वाहन का रजिस्ट्रेशन आरटीओ/एआरटीओ कार्यालय में आने के बाद ही होता था लेकिन अब ये काम भी वाहन डीलर के यहां ही होगा। वाहन डीलर को अपना डिजिटल सिग्नेचर भी जेनरेट करना होगा।
कर्मचारी बढ़े 15 प्रतिशत, काम बढ़ा आठ गुना
हल्द्वानी। राज्य गठन से पहले उत्तरखंड में हर साल औसतन 50 हजार वाहनों रजिस्ट्रेशन होता था। अब इसमें करीब छह गुना की बढ़ोतरी हुई है। राज्य गठन के बाद कर्मचारियों की संख्या में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। वर्तमान में प्रदेश भर के आरटीओ कार्यालयों में 311 मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी हैं।
तीन लाख फाइलों और 45 लाख कागजों की होगी बचत
हल्द्वानी। पर्यावरण की दृष्टि से यह फैसला काफी लाभदायक होगा। वाहन रजिस्ट्रेशन की एक फाइल में 15 प्रपत्र लगते हैं। इस हिसाब से पूरे साल में 45 लाख प्रपत्र और तीन लाख फाइलों की बचत होगी। दूसरी ओर आरटीओ पुरानी फाइलों को डिजिटल कर रहा है। नई फाइलों का काम भी डिजिटल होने के बाद कुछ सालों बाद फाइलों का झंझट ही खत्म हो जाएगा

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