हरिद्वार में अलर्ट, अस्पतालों में आने वाले सभी मरीजों की कोविड जांच अनिवार्य
हरिद्वार: : चीन, जापान, अमेरिका समेत कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य सचिव की ओर से मिले निर्देशों के अनुपालन में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां कर ली हैं।
बूस्टर डोज के लिए ब्लाकवार शिविर स्थलों के चिह्नीकरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। एक-दो दिन में प्रभावी तरीके से बूस्टर डोज लगने शुरू हो जाएंगे। डोज की कमी को देखते हुए फिलहाल ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज और भेल अस्पताल में बूस्टर डोज लगाए जा रहे हैं।
कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य सचिव की ओर से सीएमओ को जारी दिशा-निर्देश में कोविड जांच में आरटी पीसीआर में पाजिटिव मिले सभी मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दून मेडिकल कालेज देहरादून भेजने को निर्देशित किया गया है
साथ ही जांच को भेजे जाने वाले सभी सैंपलों की सूचना अनिवार्य रूप से आइडीएसपी अंतर्गत इंटिग्रेटेड हेल्थ इंफार्मेशन पोर्टल में देने को भी कहा है। इधर, दिशा-निर्देशों के अनुपालन में गुरुवार शाम जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. कुमार खगेंद्र सिंह आदि के साथ बैठक की। जिसमें बूस्टर डोज को ब्लाकवार शिविर स्थल चिह्नित करने समेत अस्पतालों की व्यवस्थाओं आदि को लेकर चर्चा हुई।
इस कार्य में एसडीएम और तहसीलदार की मदद लेने को भी कहा गया। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय की ओर से गुरुवार शाम बकायदा एसओपी भी जारी की गई है। इसमें उन्होंने अस्पतालों में आने वाले सभी मरीजों की कोविड जांच को कहा है।
कोविड से बचाव को एप्रोप्रियेट व्यवहार के प्रति जागरूकता को व्यापक प्रचार-प्रसार करने, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का प्रयोग करने का प्रेरित करने, कोविड टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के लिए आमजन को जागरूक करने, हाई रिस्क आबादी में अनिवार्य रूप से टीकाकरण पूर्ण करने, अस्पतालों में कोविड संक्रमित रोगियों के उपचार को पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन सिलिंडर, बेड, वेंटीलेटर, जरूरी दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने, हल्के लक्षण वाले कोविड संक्रमित रोगियों को होम आइसोलेशन में ही उपचार देने की व्यवस्था को आदेशित किया है।
चीन और जापान में कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। अस्पतालों में भी कोरोना को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। साथ ही, मरीजों की सैंपलिंग व उपचार आदि की व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने को कहा गया है। वहीं खांसी-जुकाम के मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए कहा गया है। लक्षण होने पर उनकी सैंपलिंग कराई जाएगी।