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सतपुली-बरसूड़ी मोटर मार्ग से पोखरी तक होगा दो किमी. नए मोटर मार्ग का निर्माण

द्वारीखाल ब्लाक के अंतर्गत सतपुली-बरसूड़ी से पोखरी तक दो किमी सड़क निर्माण की स्वीकृति शासन से मिल चुकी है। सड़क बनने से द्वारीखाल ब्लाक के छह गांवों के लोगों लाभ मिलेगा।

वर्ष 2003 में द्वारीखाल ब्लाक के एक दर्जन गांवों के ग्रामीणों की मांग पर प्रदेश सरकार ने राज्य योजना से 7 किमी. सतपुली-बरसूड़ी मार्ग निर्माण को स्वीकृति प्रदान की। कार्यदायी संस्था लोनिवि लैंसडौन को बनाया गया। कार्यदायी संस्था गत 19 वर्षों में पोखरी तक महज 5 किमी. रोड कटिंग ही कर पाई। पोखरी से आगे सड़क न बनने से बुरांशी, कसैंण, कीमखांद, सौंटल गांव, बांजा गांव, ग्वीन गांव के ग्रामीण पोखरी तक तीन किमी. पैदल आवाजाही करने के लिए मजबूर थे। ग्रामीणों की मांग पर शासन ने सतपुली-बरसूड़ी मार्ग से पोखरी चमोली गांव तक 2 किमी. मार्ग के द्वितीय चरण के तहत (प्रथम चरण) 59.29 लाख की वित्तीय एवं सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है।

लोनिवि लैंसडौन के सहायक अभियंता अमित सैनी ने बताया कि शासन ने वित्तीय वर्ष में सतपुली-बरसूड़ी मार्ग के डामरीकरण के लिए 137.02 लाख की धनराशि अवमुक्त की है। इसके अलावा इसी मार्ग से पोखरी तक 2 किमी. मार्ग के लिए 59.29 लाख की वित्तीय एवं सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिल चुकी है।
17 साल में भी नहीं बन सकी पांच किमी सड़क
7 गांवों के ग्रामीणों को गंतव्य तक जाने के लिए चलना पड़ रहा सात किमी पैदल
रिखणीखाल ब्लाक के ग्राम पंचायत बनगढ़ के लिए स्वीकृत पांच किमी. टकोलीखाल-छानीखाल मार्ग वन अधिनियम के पेच में उलझकर रह गया है। 17 साल बीत गए लेकिन सड़क का निर्माण नहीं हो सका। ऐसे में बनगढ़, अगरोडा, सौंदली, बिंदवाल आदि सात गांवों के ग्रामीणों को रोजमर्रा के काम के लिए सड़क से गांव तक पहुंचने के लिए सात किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है।

रिखणीखाल ब्लाक के ग्राम पंचायत बनगढ़ के सात गांवों के लिए वर्ष 2005 में शासन ने पांच किमी. टकोलीखाल-छानीखाल मार्ग को स्वीकृति प्रदान की और निर्माण के लिए राज्य योजना से 69.50 लाख रुपये स्वीकृत कर दिए। वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने वन भूमि हस्तांतरण की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की लेकिन वर्ष 2021 में शासन से 193 लाख के बजट के साथ संशोधित डीपीआर भेज दी। लोनिवि ने एक किमी सड़क की कटिंग की लेकिन इसके बाद फिर से वन अधिनियम का पेच फंस गया और विभाग को काम रोकना पड़ा। ग्राम पंचायत बनगढ़ की प्रधान दीपा देवी, विक्रम सिंह आदि का कहना है कि टकोलीखाल-छानीखाल मार्ग न बनने से बुुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को उपचार के लिए और बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कतें हो रही हैं।
वर्ष 2015 में सड़क निर्माण के लिए क्षेत्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय देहरादून से सैद्धांतिक अनुमति मिली थी। फरवरी 2022 में कुछ कमियों के कारण अनुमति निरस्त हो गई। वन क्षतिपूर्ति की समस्त औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुन: समस्त दस्तावेज वन मंत्रालय को भेजे गए हैं। अनुमति मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा

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