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संविधान के आधार पर कार्य करती है न्यायपालिकाः न्याय सुनीत कुमार

प्रयागराज।
जस्टिस सुनत कुमार ने कहा कि न्यायपालिका बहुमत के आधार पर नहीं बल्कि संविधान के आधार पर कार्य करती है। वह अधिवक्ता परिषद उच्च न्यायालय प्रयागराज, काशी प्रांत का संविधान दिवस संगोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में संदेश दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दूरसंचार कार्यालय आयोग अधिनियम की कमियां संसद दूर कर सकता है भले ही नया अधिनियम ला सकता है लेकिन उसका मार्ग भी संविधान सम्मत होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान के निर्माण में तीन दस्तावेज़ 1928 की पर्ल लाल नेहरू की रिपोर्ट, कांग्रेस का कराचीवेशन एवं पूना समझौता महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने न्यायपालिका और कार्यपालिका के मध्य कार्यविभाजन को स्पष्ट करते हुए कहा कि के संविधान में कार्यपालिका और न्यायपालिका में कोई अंतर्विरोध नहीं बल्कि परस्पर पूरक हैं। न्यायपालिका संसद द्वारा गठित अधिकृत अधिकार के संरक्षण के तहत अनुबंध किया जा सकता है।  
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बार एसोसिएशन इलाहाबाद के अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने भारतीय संविधान के इतिहास का निर्माण किया और उसकी विस्तृत रूपरेखा पर प्रकाश डाला। अपने उद्बोधन में उन्होंने संविधान की प्रस्तावना को भारतीय मनीषा के अनुरूप भारतीय जनमानस के दिशानिर्देश बताए।
संगोष्ठी का आयोजन उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के लाइब्रेरी हॉल में किया गया। दीप प्रज्वलन के बाद कार्यक्रम को राष्ट्रगीत के साथ शुरू किया गया। संगोष्ठी के अध्यक्ष वरिष्ठ वकील एवं बार एसोसिएशन इलाहाबाद के राधाकांत ओझा ने किया। विषय की प्रस्तावना काशी प्रांत के महामंत्री नीरज सिंह ने रखी। धन्यवाद काशी प्रांत के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम का संचालन उच्च न्यायालय के महामंत्री प्राभूति कांत ने किया।
कार्यक्रम में हाई कोर्ट की प्रेसिडेंट श्रीमती प्रिंसेस, काशी प्रांत के कोषाध्यक्ष विजय प्रकाश मिश्रा की विशिष्ट उपस्थिति रही। कार्यक्रम में सिद्धार्थ बघेल, प्रतीक मिश्रा, रितिक शुक्ला, सौमित्र द्विवेदी, गौरव गौतम, हरबंस सिंह, आशीष दुबे, आशीष ओझा, अनीता सिंह, सुजाता चौधरी, सैकड़ों वकीलों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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