सेना के 16 सील्स की जान चली गई, चार घायल हो गए
राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने दुर्घटनाओं पर दुख
व्यक्त गंगटोक (एजेंसी) किया।
सिक्किम में शुक्रवार को एक सड़क हादसे में सेना की 16 सीलें चली गईं, जबकि चार जवान घायल हो गए। उत्तरी सिक्किम के जेमा में तब हादसा हुआ, जब सेना का ट्रक खतरनाक मोड़ पर चढ़ने से फिसल गया। दुर्घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री क्षोभ सिंह ने शोक व्यक्त किया है।
मिली जानकारी के अनुसार, ट्रक तीन महत्वपूर्ण काफिले का हिस्सा था, जो सुबह उठते ही चला गया था और थंगू की ओर जा रहा था। सेना ने कहा कि उत्तरी सिक्किम के जेमा में 23 दिसंबर को सेना के एक ट्रक से हुई दुखद सड़क दुर्घटना में भारतीय सेना के 16 जवानों की जान चली गई है।
राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दुर्घटना पर घायलते हुए कहा कि सिक्किम में एक सड़क दुर्घटना में भारतीय सेना के वीर सील के बारे में जान जाने के बारे में जानकर दुख हुआ। मृत के संपूर्ण के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सिक्किम में सड़क दुर्घटना में हमारे वीर मौसम को अपनी जान गंवानी पड़ी, जिससे मैं आहत हूं। शोक संत प्रभावित के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
अमित शाह और अनुमान सिंह ने दुख व्यक्त किया
गृह मंत्री ने कहा कि सिक्किम में हमारी बहादुर सेना की नीतियों की जान लेने वाले दुखद सड़क हादसे के बारे में जानकर दुख हुआ। मैं शोक संत ग्रहण के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों को हर संभव सहायता प्रदान की गई है, वे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। रक्षा मंत्री परिकल्पना सिंह ने कहा कि सड़क हादसों में भारतीय सेना की रेटिंग की वजह से उन्हें गहरा दुख होता है। उन्होंने कहा कि शोक संत सभी के प्रति मेरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
तीन कनिष्ठ अधिकारियों की जान गई
सेना ने कहा कि जिन सैनिकों की जान चली गई है, उनमें तीन छोटे कमी अधिकारी भी शामिल थे। चार घायल सैनिकों को हवाई मार्ग से निकाल दिया गया है। सेना ने आगे कहा कि जेमा के रास्ते में वाहन एक खतरनाक मोड़ पर बातचीत करते हुए एक खड़खड़ाहट पर फिसल गया। एक बचाव अभियान तुरंत शुरू किया गया और चार घायल सैनिकों को हवाई मार्ग से निकाल दिया गया। दुर्भाग्य से, तीन कनिष्ठ अधिकारियों और 13 सैनिकों के हताहत होने की वजह से बांध टूट गया। भारतीय सेना इस क्षति की घड़ी में शोक संत संपूर्ण के साथ घटती है।