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उत्तराखंड…नैनीताल के डीएम समेत पांच अफसरों को मिला उत्कृष्ट जिलाधिकारी सम्मान, राज्यपाल ने किया सम्मानित

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने चारधाम यात्रा के सफल प्रबंधन सहित विभिन्न उल्लेखनीय कार्यों के लिए प्रदेश के पांच जिलाधिकारियों को उत्कृष्ट जिलाधिकारी पुरस्कार 2022 से पुरस्कृत किया।
राजभवन में सुशासन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सुशासन में जिला प्रशासन की अहम भूमिका होती है। कार्यक्रम में हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे को कोविड लॉकडाउन के बाद शुरू हुई कांवड़ यात्रा के सुचारु प्रबंधन के लिए, नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल को पर्यटन के क्षेत्र में रोजगारपरक योजनाओं, पौड़ी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान को बेडू के उत्पादों, रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को पर्यटन को बढ़ावा देने एवं चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना को चारधाम यात्रा के सफल प्रबंधन के लिए पुरस्कृत किया गया।
जिला प्रशासन योजनाओं को लागू करने की अहम सीढ़ी
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि जिला प्रशासन सरकार की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए सबसे अहम सीढ़ी है। पुरस्कृत होने वाले जिलाधिकारियों ने जनता की समस्याओं को सजग होकर एवं ईमानदारी के साथ दूर करने में अहम भूमिका निभाई। राज्यपाल ने कहा कि सुशासन का उद्देश्य समावेशी और सर्वांगीण विकास तय करना है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हमेशा यही मानना था कि समग्र प्रयासों से सुशासन प्राप्त किया जा सकता है। टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप शासन प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और जनता के बीच प्रत्यक्ष, भावनात्मक जुड़ाव की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में कई चुनौतियां हैं, लेकिन सामूहिक प्रयासों से इनका सामना करते हुए हम निश्चित ही विश्व गुरु के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। सचिव राज्यपाल डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि जिलाधिकारियों को अलग से पुरस्कृत करने की पूर्व में कोई व्यवस्था नहीं थी। राज्यपाल ने जिलाधिकारियों के उत्कृष्ट प्रयासों के लिए उन्हें पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद हुआ चयन
सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन ने कहा कि उत्कृष्ट जिलाधिकारी पुरस्कार-2022 के लिए जिलों से आवेदन मांगे गए थे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति के सामने जिलाधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण दिया। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद पुरस्कार के लिए जिलाधिकारियों का चयन किया गया। राज्यपाल ने इससे पहले राजभवन की अर्द्धवार्षिक पत्रिका ‘देवभूमि संवाद’ का विमोचन किया। पत्रिका का संपादन उपनिदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय एवं सह संपादन संजू प्रसाद ध्यानी ने किया। कार्यक्रम में सचिव एसएन पांडे, अपर सचिव ललित मोहन रयाल, अपर सचिव कर्मेंद्र सिंह, उप निदेशक, सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय आदि मौजूद रहे।

इन उपलब्धियों की वजह से किया पुरस्कृत
हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने कोविड लॉकडाउन के बाद शुरू हुई कांवड़ यात्रा का सुचारु प्रबंधन किया। घाटों की सफाई के लिए चलाए गए अभियान की वजह से हरिद्वार को गंगा टाउन में सर्वश्रेष्ठ स्थान के लिए राष्ट्रपति ने भी पुरस्कृत किया था।

नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने सामूहिक जनभागिता के साथ नए प्रयोग करते हुए कई क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की, बताया गया कि सेब उत्पादन को लेकर उनके प्रयास एवं पर्यटन के क्षेत्र में रोजगारपरक योजनाओं को जिले में लागू करने का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।

पौड़ी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान पूर्व में जब पिथौरागढ़ जिले में तैनात थे, तब उनके बेडू के उत्पादों के लिए महिला स्वयं सहायता समूह के साथ किए गए प्रयासों की प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात कार्यक्रम में सराहना की थी।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को पर्यटन को बढ़ावा देने, दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार एवं वर्तमान में भव्य केदारपुरी के पुनर्निर्माण को सही गति से संचालित करने के लिए सराहा जा रहा है।

चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बद्रीनाथ धाम एवं हेमकुंड साहिब की यात्रा का सफल प्रबंधन किया। बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान के निर्माण कार्यों को समय पर व सुचारु रूप से पूरा करवाने में भी उनकी अहम भूमिका रही।

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