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सिंचाई विभाग की जमीनों पर कब्जे की जांच के आदेश

सिंचाई विभाग की जमीनों पर कब्जे की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सोनिका ने जांच के आदेश दिए हैं। उपजिलाधिकारी सदर और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलक्ट्रेट में जनसुनवाई हुई। इसमें 76 शिकायतें आईं। सिंचाई विभाग की जमीनों पर कब्जे की शिकायत पर डीएम ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने मामले की जांच के साथ ही विभागीय इंजीनियरों, कर्मचारियों की भूमिका मिलने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके अलावा पेयजल लाइन बिछाने के दौरान नालियां बंद होने की शिकायत का समाधान नहीं होने पर जल संस्थान के अधिशासी अभियंता का स्पष्टीकरण तलब किया।

जनसुनवायी में शिकायत दर्ज करायी गई कि प्रशासन की ओर से कब्जा मुक्त कराए जाने के बाद दोबारा कब्जे कर लिए गए हैं। इस पर जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि उनके क्षेत्र में जो भूमि कब्जा मुक्त करायी गई है, उनका स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। डीएम ने एमडीडीए, नगर निगम, पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को भी जनसुनवाई में शामिल होने के निर्देश दिए।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, डॉ. एसके बरनवाल, केके मिश्रा, जगदीश लाल, कुश्म चौहान, नरेश चंद्र दुर्गापाल, मिथिलेश, आरसी तिवारी, सुशील मोहन डोभाल आदि मौजूद रहे।

जमीन धोखाधड़ी पर गैंगस्टर में कार्रवाई के आदेश
मेहूंवाला में अतिक्रमण मुक्त की गई भूमि पर फिर कब्जा होने की शिकायत पर संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। डीएम ने जमीन की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी करने वालों पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई के आदेश दिए। वहीं, शिमला बाईपास पर सड़क नहीं बनाए जाने की शिकायत पर डीएम ने उप जिलाधिकारी सदर एवं नगर निगम के अधिकारियों को संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट तलब की है।

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