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नमामि गंगे परियोजना में शामिल होंगे कुमाऊं मंडल के सभी जिले, तैयार हो रही 500 करोड़ की योजनाएं

देहरादून: राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता और निर्मलता के लिए चल रही नमामि गंगे परियोजना में अब कुमाऊं मंडल भी शामिल होगा। दरअसल, सरकार ने गंगा की सहायक नदियों को स्वच्छ बनाने का निश्चय किया है।

इसी कड़ी में कुमाऊं के सभी जिलों के प्रमुख शहरों में सीवर लाइन, सीवेज शोधन सयंत्र (एसटीपी) व नालों की टैपिंग के दृष्टिगत लगभग 500 करोड़ रुपये की योजनाएं तैयार की जा रही हैं।

अपर सचिव एवं राज्य में नमामि गंगे परियोजना के कार्यक्रम निदेशक उदयराज सिंह ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि 15 दिन के भीतर इनकी डीपीआर तैयार कर शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। फिर इसे स्वीकृति के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को भेजा जाएगा।

नमामि गंगे परियोजना के प्रथम चरण में गंगा के उद्गम गोमुख से लेकर हरिद्वार तक के 15 शहरों को शामिल किया गया। इसके अंतर्गत हुए एसटीपी, नालों की टैपिंग से जुड़े कार्यों के बेहतर परिणाम आए हैं।

इसके बाद सरकार ने गंगा की सहायक नदियों के लिए भी नमामि गंगे में पहल की। पिछले छह माह के दौरान केंद्र ने तीन सौ करोड़ से अधिक की योजनाओं की स्वीकृति दी। राज्य में लगभग आठ सौ करोड़ की योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि ढाई करोड़ की योजनाएं चल रही हैं।

हाल में राष्ट्रीय गंगा परिषद की कोलकाता में हुई बैठक में राज्य में नमामि गंगे के कार्यों को सराहा गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस बैठक में शामिल हुए।

उन्होंने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अधिकारियों से बातचीत की। अब सरकार द्वारा कुमाऊं के सभी जिलों अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर व ऊधसिंहनगर के नदियों से लगे प्रमुख शहरों को नमामि गंगे में शामिल करने को योजनाएं बनाई जा रही हैं।

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