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सूचना न देने पर लोनिवि के अभियंताओं पर ठोका जुर्माना

हिल बाईपास मनसा देवी पर्वत के ट्रीटमेंट कराने की योजना को लेकर सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना न देना लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं को भारी पड़ गया। राज्य सूचना आयुक्त ने सुनवाई करते हुए मुख्य अभियंता और सहायक अभियंताओं पर अर्थदंड लगाया है। क्षतिपूर्ति के रूप में अपीलकर्ता को देने के आदेश दिए हैं।

राष्ट्रीय सूचना अधिकार जागृति मिशन अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि लोकायुक्त न्यायालय के समक्ष रिट वर्ष 2008 में दर्ज कराकर मां मनसा देवी पर्वत का स्थायी रूप से दीवार बनाकर ट्रीटमेंट कराने की मांग की थी। लोकायुक्त ने संस्तुति कर आपदा विभाग, शासन को आदेश दिया था कि जिलाधिकारी से ट्रीटमेंट का प्रस्ताव मांग कर निर्माण के लिए धन आवंटन कराया जाए। उस समय डीएम निधि पांडे ने लोक निर्माण विभाग से ट्रीटमेंट कराने का प्रस्ताव मांगा था। लोनिवि ने प्राकलन जानबूझकर नहीं बनाया था।

विभाग की लापरवाही से शासन के स्थायी रूप से ट्रीटमेंट निर्माण कराने का प्राकलन वित्तीय स्वीकृति के लिए नहीं भेजा गया। जिससे हल साल अस्थायी मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये की बंदरबांट होती है। रमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि ट्रीटमेंट कराने की सूचनाएं प्रांतीय खंड हरिद्वार कार्यालय से वर्ष 2020 मई माह में मांगी थी। सूचनाएं न मिलने पर प्रथम अपील अधिशासी अभियंता से सूचनाएं दिलाने के लिए की गई। द्वितीय अपील सूचना आयोग में 15 जनवरी 2021 में की।
सूचना आयुक्त विवेक शर्मा ने 28 मई 2022 को कारण बताओ नोटिस मुख्य अभियंता, सहायक अभियंताओं को दिया था। 28 मई 2022 तक अंतिम सुनवाई के बाद भी सूचनाएं न देने पर राज्य सूचना आयुक्त ने मुख्य अभियंता पर चार हजार रुपये क्षतिपूर्ति दंड लगाया। जबकि पांच हजार का अर्थदंड सहायक अभियंता चेतना पुरोहित एवं गणेश दत्त जोशी पर लगाया है। तीन माह के अंदर इसका भुगतान अपीलकर्ता रमेश चंद्र शर्मा को देने के आदेश दिए।

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