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कैबिनेट सचिव ने की जोशीमठ में स्थिति की समीक्षा, राहत कार्य जोर-शोर से जारी

नई दिल्ली, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने मंगलवार को उत्तराखंड के जोशीमठ में स्थिति की समीक्षा की, जहां उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त घरों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

बता दें कि प्रभावित परिवारों को ठहराने के लिए जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत स्थल चिह्नित किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा मुआवजे और राहत के उचित प्रबंध किए गए हैं। फिलहाल, जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन बंद कर दिया गया है। जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र और उसके आसपास के निर्माण कार्यों को भी रोक दिया गया है।

राहत कार्यों में जुटे आपदा प्रबंधन बल

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ राहत और पुनर्वास प्रयासों में जिला प्रशासन की सहायता कर रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सचिव ने समिति को सूचित किया कि सीबीआरआई, जीएसआई, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, एनआईडीएम और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी के विशेषज्ञों की टीम ने स्थिति के आकलन के लिए 6 और 7 जनवरी 2023 को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। टीम ने उनकी आवश्यकताएं समझने के लिए जिला प्रशासन से भी बातचीत की। इसके अलावा गृह मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय केंद्रीय टीम भी स्थिति के आकलन के लिए जोशीमठ में है

कैबिनेट सचिव ने कहा कि तत्काल प्रभावित क्षेत्र में सभी निवासियों को सुरक्षित तरीके से निकाला जाना सबसे महत्वपूर्ण है। इसके अलावा कमजोर भवनों-निर्माणों को सुरक्षित तरीके से हटाया जाना चाहिए। इसके अलावा भू-तकनीकी, भूभौतिकीय और जल विज्ञान से संबंधित सभी अध्ययन और परीक्षण समन्वित और समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाने चाहिए। कैबिनेट सचिव ने मुख्य सचिव को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां आवश्यक सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी। बैठक में केंद्र और राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ सेना, वैज्ञानिक संगठनों और विभिन्न सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल थे।

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