यूओयू का दीक्षांत समारोहः विभूतियों को डीलिट उपाधि, 27 को स्वर्ण पदक
हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में बुधवार को मेधा की चमक बिखरी। यूओयू सभागार में आयोजित समारोह में एक मेधावी को कुलाधिपति स्वर्ण, 27 मेधावियों को स्वर्ण पदक और 18052 मेधावियों को उपाधियां दी गईं। सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले तीन लोगों को डी लिट् की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। शिक्षामंत्री धन सिंह रावत, केंद्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने मेधावियों को पदक प्रदान किए।
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह का शुभारंभ कुलाधिपति/राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने करना था लेकिन मौसम खराब होने के कारण उनका हेलीकाप्टर देहरादून से ही उड़ान नहीं भर पाया। इस कारण दोनों ने देहरादून से वर्चुअल जुड़कर ऑनलाइन ही दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया।
इस वर्ष का कुलाधिपति स्वर्ण पदक वनस्पति विज्ञान की अनीता जोशी को दिया गया। 27 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक दिए गए। इसके साथ ही मैती आंदोलन के जनक पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, जौनसार कला संस्कृति के लिए नंदलाल भारती और लोक गायन के लिए पद्मश्री बसंती देवी को डी लिट् की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। विश्विद्यालय के एक छात्र को पीएचडी, 716 को स्नातकोत्तर और 10932 छात्रों को स्नातक की उपाधि दी गई। इससे पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अयज भट्ट और उच्च शिक्षामंत्री धन सिंह रावत ने संयुक्त रूप से विश्वविद्यालय में लगभग 25 करोड़ की लागत से बने पांच भवनों का लोकार्पण भी किया।
दीक्षांत समारोह में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए कुलाधिपति सेवानिवृत्त ले. जनरल गुरमीत सिंह ने उपाधि धारक शिक्षार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा जीवन में खुशहाली लेकर आती है। शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रतिभा, संकल्प और परिश्रम का बढ़ा योगदान होता है। राज्यपाल ने उपस्थित शिक्षार्थियों से कहा कि आप सभी को अमृतकाल के इन 25 वर्षों में विकसित भारत का नेतृत्व करना है। कहा कि तकनीकी के बल पर लोगों की तरक्की के रास्ते खोजे जाएं। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के नारे को साकार करने में आप सभी का सामूहिक संकल्प भी जरूरी है।
संसाधनों को अवसर में बदलें: राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में शोध एवं अनुसंधान की अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए आप सभी शोध के प्रति उत्साही बनें और नवीन खोज करते रहें। रोजगार की समस्या, पलायन की समस्या को यहां उपलब्ध अपार संसाधनों के जरिये अवसर और उपलब्धियों में बदला जाए। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर पैदा करने में सहयोग करें। कहा कि हमारे सामने कई चुनौतियां हैं जिसका समाधान भी हमें खोजना है। आप सभी युवा शक्ति के बल पर हम विकसित भारत एवं विश्वगुरू भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों को रोजगार की संभावनाओं पर केंद्रित करें। उत्तराखंड प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में आगे लाना है।
जीवन पर्यंत चलती है शिक्षा: सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षार्थियों से कहा की दीक्षांत समारोह का अर्थ औपचारिक दीक्षा का अंत है। शिक्षा जीवन पर्यंत चलती है। आज विश्वविद्यालय में ज्ञान की अविरल गंगा में वर्चुअल माध्यम से जुड़कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का पिछला वर्ष अनेक उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा है। उन्होंने शिक्षार्थियों से सशक्त उत्तराखंड राज्य के लिए सहभागिता का आह्वान किया। सांसद अजय भट्ट में सभी को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। संचालन कुलसचिव प्रो. रश्मि पंत ने किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओम प्रकाश, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, मेयर जोगेंद्र रौतेला, विधायक मोहन सिंह बिष्ट, प्रो. भानुप्रकाश जोशी, डॉ. अरुण जोशी, डिप्टी रजिस्ट्रार विमल कुमार सहित कई मौजूद रहे