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अमेरिका ऑर्थिक संकट की ओर कर्ज की सीमा पूरी, आपातकालीन कदम उठाने को मजबूर हुआ

अमेरिकी सरकार संसद द्वारा तय 31.4 लाख करोड़ डॉलर की सीमा तक कर्ज ले चुकी है और अब उसे सरकारी भुगतानों के लिए आपातकालीन कदम उठाने पड़ रहे हैं। इन कदमों से सरकार बिल और बॉन्ड जैसी ट्रेजरी सिक्योरिटीज से जून तक उधार ले सकती है। इससे कर्मचारियों को वेतन और मेडिकेयर प्रोवाइडर्स को भुगतान करने में मदद मिलेगी। बॉन्डधारकों और अन्य निवेशकों को उनकी रकम लौटा सकेगी।

सरकार आकस्मिक उपायों से जून तक किसी तरह काम चला पाएगी। बॉन्डधारकों को जरूरी भुगतान न करने पर डिफॉल्टर हो जाएगी। वित्त मंत्री जैनेट येलेन ने कहा कि हम कांग्रेस से कर्ज सीमा को बढ़ाने को कह रहे हैं जिससे सरकार अपने वित्तीय दायित्वो को पूरा कर सके। लेकिन इसके लिए बाइडेन प्रशासन और रिपब्लिकंस के बीच सहमति बनती दिखाई नहीं दे रही है।

बिना शर्त कर्ज सीमा बढ़ाई जाए : बाइडेन प्रशासन
बाइडेन प्रशासन कर्ज सीमा को बढ़ाने के लिए विपक्षी रिपब्लिकंस की शर्त मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस द्वारा पूर्व में मंजूर खर्च के लिए बिना शर्त सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। वहीं विपक्षी दल का कहना है कि खर्च में बड़ी कटौती के लिए बाइडेन के राजी होने पर ही वे कर्ज की सीमा को बढ़ाने की सहमति देंगे। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में रिपब्लिकंस बहुमत की स्थिति में हैं। संकट पिछले कुछ दशकों की वित्तीय नीतियों का नतीजा है।

डिफॉल्टर होने पर कोहराम
अमेरिका पर कर्ज कुल जीडीपी के 123 फीसदी के बराबर हो चुका है। ये रकम चीन, जापान, जर्मनी और ब्रिटेन की साझा सालाना जीडीपी से भी ज्यादा है। अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि कर्ज सीमा न बढ़ाने पर दुनिया में वित्तीय कोहराम हो सकता है। अगर किसी वजह से अमेरिका सरकार ने डिफॉल्टर कर दिया, तो उसका विश्व वित्तीय व्यवस्था पर टाइम बम फटने जैसा असर होगा।

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