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राज्‍य में बढ़ गए 82040 मतदाता, इस आयु वर्ग के निकले सबसे ज्‍यादा वोटर

देहरादून : प्रदेश में 82,040 मतदाता बढ़े हैं। मतदाता सूची पुनरीक्षण को 79 दिनों तक चले अभियान में मतदाताओं की संख्या 80,85,488 से बढ़कर 81,67,586 हो गई है।

प्रदेश में आगामी चुनावों में 30 से 39 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की भूमिका निर्णायक होगी। इनकी संख्या सर्वाधिक 22,34,611 है। दूसरे स्थान पर 20 से 29 आयु वर्ग के मतदाताओं का है। इनकी संख्या में 16,79,715 है

मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान

संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप सिंह शाह ने बताया कि प्रदेश में नौ नवंबर, 2022 से मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान प्रारंभ किया गया था। सभी 13 जिलों में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। प्रदेश में कुल 42,35,953 पुरुष और 39,31,320 महिला मतदाता हैं।

पुरुष मतदाताओं की संख्या में 37,473 और महिला मतदाताओं की संख्या में 44,603 की वृद्धि हुई है। पुरुषों की तुलना में 7130 अधिक महिलाएं मतदाता बनी हैं। चार मैदानी जिलों ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, नैनीताल और देहरादून में मतदाताओं की वृद्धि दर अधिक रही है। ऊधमसिंहनगर में 20,553, हरिद्वार में 13,882, नैनीताल में 10,992 और देहरादून में 8146 मतदाता बढ़ गए हैं।

ऊधमसिंहनगर में 12,93,249, हरिद्वार में 14,29,630, नैनीताल में 7,76,252 और देहरादून में 14,97,150 मतदाता हैं। उत्तरकाशी में 2,40,832, चमोली में 2,97,980, रुद्रप्रयाग में 1,95,099, टिहरी में 5,29,809, पौड़ी में 5,73,941, पिथौरागढ़ में 3,77,001, बागेश्वर में 2,18,191, अल्मोड़ा में 5,34,297, चंपावत में 2,04,137 मतदाता पुनरीक्षित सूची में सम्मिलित किए गए हैं।

सर्विस मतदाताओं की संख्या बढ़कर 96 हो गई है। इनमें पुरुष 90 और महिला तीन हैं। कुल सर्विस मतदाताओं की संख्या 93962 है। प्रदेश में 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के कुल मतदाता 1,18,330, 40 से 49 वर्ष आयु वर्ग के 1654063 मतदाता हैं। 50 से 59 आयु के बीच 1160014, 60 से 69 वर्ष तक मतदाताओं की संख्या 743415 है। 70 से 79 वर्ष आयु वर्ग के 4,14,155 और 80 वर्ष से अधिक आयु के 1,63,265 मतदाता हैं।

पौड़ी में 48 प्रतिशत मतदाताओं का नहीं हुआ आधार सत्यापन

प्रदेश में मतदाता सूची में दोहराव या किसी भी तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए 31 मार्च, 2023 तक शत-प्रतिशत मतदाताओं का आधार प्रमाणीकरण का कार्य पूरा किया जाएगा। अभी 31.09 प्रतिशत मतदाताओं का आधार सत्यापन नहीं हुआ है। इनमें सर्वाधिक 48.23 प्रतिशत मतदाता देहरादून जिले के हैं।

प्रदेश में मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के 42,247 मतदाताओं के नाम सम्मिलित किए गए। इस आयु वर्ग के कुल 2,74,427 युवाओं के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित करने का लक्ष्य रखा गया है।

संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप सिंह शाह ने बताया कि एक कैलेंडर वर्ष में विभिन्न अवधि में 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवाओं को भी मतदाता बनने का अवसर दिया जा रहा है। ऐसे युवा 19 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

निर्वाचन आयोग अग्रिम आवेदन करने वाले ऐसे युवाओं के नाम एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई अथवा एक अक्टूबर को 18 वर्ष की आयु पूरी करते ही निर्वाचक नामावली में दर्ज किए जाते हैं। युवाओं को आवेदन के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु सीमा पूरी करने के बाद आवेदन की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में नाम सम्मिलित कराने के लिए आधार की अनिवार्यता नहीं है। मतदाता सूची में दोहराव या डुप्लीकेसी के अंदेशे को समाप्त करने के लिए आधार सत्यापन भी कराया जा रहा है। वर्तमान में उत्तराखंड में 68.91 प्रतिशत मतदाताओं के निर्वाचक नामावली में आधार प्रमाणीकरण का कार्य पूरा हो चुका है।

31.09 प्रतिशत मतदाता अभी शेष हैं। इनमें सर्वाधिक 48.23 प्रतिशत मतदाता पौड़ी जिले से हैं, जिनका आधार प्रमाणीकरण होना है। इसके बाद 35 प्रतिशत मतदाता हरिद्वार जिले और 32.81 प्रतिशत मतदाता नैनीताल जिले से हैं।

प्रताप शाह ने बताया कि प्रदेश में जनगणना लिंगानुपात 953 है, जबकि मतदाता लिंगानुपात 928 है। लिंगानुपात में 25 के अंतर को पाटने का लक्ष्य रखा गया है। यह अंतर पर्वतीय जिलों में सर्वाधिक है। अल्मोड़ा में 189, पौड़ी में 144, टिहरी में 129, बागेश्वर में 121 और रुद्रप्रयाग में 94 है। तीन जिलों देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर में यह नकारात्मक है।

इन जिलों में महिला मतदाताओं की संख्या में इस अंतर की तुलना में वृद्धि हुई है। प्रदेश में ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है। उनकी संख्या 291 से बढ़कर 295 हो गई है।

अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में एक-एक और उधमसिंहनगर में तीन ट्रांसजेंडर मतदाता बढ़े हैं, जबकि देहरादून में एक ट्रांसजेंडर मतदाता कम हुआ है। उन्होंने निर्वाचक नामावली में दिव्यांगजनों के नाम अधिक संख्या में सम्मिलित कराने के लिए आम नागरिकों से विशेष सहयोग की अपील की।

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