व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के पानी-बिजली के बिल माफ, श्रमिकों को दो हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता
देहरादून: सरकार ने जोशीमठ के उन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को राहत दे दी है, जो आपदा की जद में आए हैं। ऐसे प्रतिष्ठानों के छह माह तक के पानी व बिजली के बिल माफ होंगे।
साथ ही इन प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिकों का रोजगार प्रभावित होने के मद्देनजर उन्हें दो-दो हजार रुपये प्रतिमाह की दर से सहायता राशि दी जाएगी। जोशीमठ को लेकर गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में ये निर्णय लिए गए। आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की ब्रीफिंग में यह जानकारी साझा की
जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के छह माह तक के पानी व बिजली के बिल माफ करने का सरकार ने निर्णय लिया था। साथ ही अस्थायी रूप से पुनर्वासित परिवारों का रोजगार प्रभावित होने के मद्देनजर प्रति परिवार के दो सदस्यों को मनरेगा के लिए तय दरों के आधार पर सहायता राशि देने का निश्चय किया गया था। इसमें व्यावसायिक प्रतिष्ठान व उनके कार्यरत श्रमिकों से संबंधित विषय छूट गए थे।
आपदा प्रबंधन सचिव के अनुसार उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में इन विषयों पर भी विमर्श किया गया और ऐसे व्यक्तियों को भी सरकार के निर्णय का लाभ देने पर मुहर लगाई गई। उन्होंने बताया कि आपदा की जद में आए व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिकों को उसी तरह सहायता राशि दी जाएगी, जैसी कोविड-19 के समय दी गई थी। चमोली के डीएम को इस संबंध में जल्द प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
डा. सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में जो छोटी दुकानें अथवा होटल आपदा की जद में आए हैं, उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। यह विकल्प भी रखा गया है कि ऐसे दुकान स्वामियों को उन स्थानों पर 15 वर्ग मीटर में दुकानें अथवा भूमि दी जाएगी, जहां प्रभावितों का पुनर्वास किया जाएगा। संबंधित दुकान स्वामियों की सहमति से इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।
निजी भवन में संचालित होंगे मारवाड़ी के दो विद्यालय
जोशीमठ में एक फरवरी से विद्यालयों को खोलकर शैक्षणिक कार्य शुरू कराने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए प्रशासन के साथ ही शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने सभी स्कूलों का निरीक्षण कर दिया है।
जिन सुरक्षित विद्यालयों में राहत कैंप बनाए गए हैं, वहां रहने वाले प्रभावितों को दूसरी जगह कैंप में शिफ्ट कर कैंप हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
वहीं, आपदा से क्षतिग्रस्त प्राथमिक विद्यालय मारवाड़ी के 33 छात्र-छात्राएं व जूनियर हाईस्कूल मारवाड़ी के 13 छात्र-छात्राओं की व्यवस्था किराये के एक निजी भवन में की गई है। जबकि क्षतिग्रस्त हुए एक निजी स्कूल आदर्श बाल विद्या मंदिर के छात्रों के लिए संस्कृत महाविद्यालय में कक्षा कक्ष उपलब्ध करवा दिया गया है।
सोमवार को शिक्षा विभाग व तहसील प्रशासन ने संयुक्त बैठक कर आपदा से क्षतिग्रस्त हुए विद्यालयों को दूसरे सुरक्षित भवनों में शिफ्ट किए जाने का निर्णय लिया। विद्यालयों में बनाए गए राहत कैंपों में रह रहे आपदा प्रभावितों व आपदा राहत कार्य में लगे कर्मियों को अन्य जगह शिफ्ट कराया जा रहा है।
बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला ने कहा कि सभी सरकारी व गैरसरकारी प्राथमिक विद्यालय, जूनियर हाईस्कूल व इंटर कालेज के प्रधानाचार्यों के साथ स्कूलों की स्थिति को लेकर विचार विमर्श किया गया।
इस दौरान आपदा में क्षतिग्रस्त प्राथमिक विद्यालय मारवाड़ी व जूनियर हाईस्कूल मारवाड़ी को लेकर निर्णय लिया गया कि इन विद्यालयों में पठन पाठन शुरू करना खतरे से खाली नहीं है। इन दोनों विद्यालयों को पास के ही एक निजी सुरक्षित भवन में शिफ्ट कर पठन-पाठन शुरू कराया जाएगा। आदर्श बाल विद्या मंदिर के छात्रों के लिए भी संस्कृत महाविद्यालय में व्यवस्था की गई है।
बैठक में संस्कृत महाविद्यालय में बनाए गए आपदा राहत शिविर में उपयोग किए जा रहे कक्षा कक्षों को खाली करवाकर इसी परिसर में खाली पड़े दूसरे कक्षों में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने कहा कि इंटर कालेज जोशीमठ, बालिका इंटर कालेज जोशीमठ सहित पैनी विद्यालय सहित अन्य विद्यालय भवनों में राहत कैंप में रह रहे प्रभावितों व राहत कार्यों में जुटे कर्मचारियों और श्रमिकों को अन्यत्र शिफ्ट किया जा रहा है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है।
बैठक में विद्यालयों को जाने वाले पैदल रास्तों सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी चर्चा हुई। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने कहा कि प्रशासन के साथ ही शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने सभी जगह का निरीक्षण कर दिया है। नगर के सभी सरकारी, निजी व सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य, प्राचार्यों से समस्याओं को लेकर विचार विमर्श कर लिया गया है।
प्रशासन ने भी विद्यालयों के आपदा में किए जा रहे उपयोग को खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी डा. भाष्कर बेबनी, तहसीलदार रवि शाह सहित विद्यालयों के प्रधानाचार्य मौजूद थे।
सात विद्यालयों में बनाए गए अस्थायी राहत कैंप
जोशीमठ में विभिन्न स्तरों के कुल 29 विद्यालय संचालित होते हैं। जिनमें सात विद्यालयों में बनाए गए अस्थायी राहत कैंपों में करीब 450 लोग रह रहे हैं। इनमें 1495 छात्र-छात्राए अध्ययनरत हैं।
फिलहाल आपदा में क्षतिग्रस्त प्राथमिक विद्यालय मारवाड़ी व जूनियर हाईस्कूल मारवाड़ी और आदर्श बाल विद्या मंदिर को अन्यत्र भवन में शिफ्ट किया जा रहा है। क्योंकि इन विद्यालयों में पठन पाठन शुरू करना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन व शिक्षा विभाग ने इन दोनों विद्यालयों को शिफ्ट करने का निर्णय लिया।
मारवाड़ी क्षेत्र के क्षतिग्रस्त दो विद्यालय की व्यवस्था पहले लगभग 12 किमी दूरी पर स्थित अन्य विद्यालय में की जा रही थी। लेकिन, दूरी अधिक होने के कारण प्रशासन को मारवाड़ी के समीप ही एक निजी किराये के सुरक्षित भवन में इन छात्रों की व्यवस्था करनी पड़ी। पहले प्रशासन के पास यह भी सुझाव आया था कि मारवाड़ी क्षेत्र के छात्रों को लाने व ले जाने के लिए निश्शुल्क यातायात की व्यवस्था की जाएगी।
जोशीमठ में आपदा से तीन विद्यालय प्रभावित हुए हैं। इन विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को अन्यत्र विद्यालय में स्थानांतरित किया गया है। मारवाड़ी क्षेत्र के छात्रों के लिए किराये के निजी भवन में व्यवस्था हुई है।
-डा. रणजीत सिंह, सचिव आपदा प्रबंधन