Sat. Nov 2nd, 2024

भूस्खलन रोकने को प्रभावी होगा नैनीताल का रूसी माडल, वन विभाग ने अपना ट्रीटमेंट का अनोखा तरीका

नैनीताल:वन विभाग की अनुसंधान शाखा की ओर से शहर के समीपवर्ती रूसी गांव में भूकटाव और भूस्खलन रोकने के लिए पिरूल (चीड़ पत्ती) के चेकडैम, घास और झाड़ी प्रजाति के पौधों का रोपण, जूट के जाल का माडल सफल रहा है।

जोशीमठ आपदा के बाद इसके अधिक महत्व को देखते हुए अब वन महकमा राज्य के अन्य हिस्सों में भी इस माडल को लागू करेगा। करीब साढ़े चार एकड़ क्षेत्रफल में मात्र पांच लाख रुपये की लागत से किए गए इस सफल प्रयोग से सीख लेकर रूसी गांव में पंचायत ने भी भूकटाव रोकने के लिए यही तरीका अपनाया है

वर्ष 2019 में मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान) संजीव चतुर्वेदी के निर्देशन में वन अनुसंधान की ओर से रूसी गांव में भूकटाव व धंसाव रोकने के लिए प्रयोग शुरू किया गया। भूस्खलन के ट्रीटमेंट के लिए 1.7 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पिरूल के चेकडैम बनाए गए।

इसके लिए जूट के जाल बनाए गए और मृदा में मजबूत पकड़ वाली घास, झाड़ी प्रजाति के पौधे रोपे गए। इस ट्रीटमेंट का असर यह हुआ कि भूस्खलन व भूकटाव बंद हो गया। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (कौशल विकास) धनंजय मोहन ने रूसी गांव में इस ट्रीटमेंट कार्य का हाल में निरीक्षण किया तो वह भी तीन साल में बदलाव देखकर प्रेरित हुए। उनका कहना है कि इस माडल को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा

नैनीताल से करीब 10 किमी दूर रूसी बाईपास का पूरा क्षेत्र भूस्खलन से प्रभावित है। वन क्षेत्राधिकारी नितिन पंत बताते हैं कि विभाग ने 1.7 हेक्टेयर क्षेत्र को चिह्नित कर उसका ट्रीटमेंट शुरू किया। बांस, जूट की रस्सी और पिरूल से गट्ठर बनाए।

जूट की रस्सियों से पिरूल के गट्ठरों को भी फिर एक-दूसरे से बांधा गया। इस बायो मैकेनिकल पद्धति के ट्रीटमेंट में मुख्यतः औंस, बाबयो प्रजाति की घास का रोपण किया गया। पर्वतीय इलाकों में इस घास से झाड़ू भी बनाए जाते हैं और इसकी जड़ें मिट्टी को मजबूती से पकड़े रहती हैं।

इसके अलावा मकौल (मसूरी), घिंगारू, राम बांस, खागसी, गुइयां, भीमल, किकुई घास, कुमेरिया घास, हाथी घास, अंगू, पदम, मेहल, किलमोड़ा, तुस्यारी, बाबिला घास, खीना, अमेश, चल्मोड़ा आदि घास व झाड़ियां भूस्खलन रोकने में कारगर साबित हुई हैं।

2019 में शुरू किए गए इस काम को एक साल के भीतर पूरा किया गया। अक्टूबर 2022 की जोरदार बारिश में भी यह क्षेत्र टिकाऊ रहा और हरा-भरा दिखने लगा है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *