रेलवे का फंड बढ़ा, लालकुआं से खटीमा तक रेलवे लाइन निर्माण की आस जगी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में रेलवे का फंड बढ़ाकर 2.40 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। उनकी इस घोषणा से उत्तराखंड में तराई क्षेत्र के लालकुआं से सितारगंज होते हुए खटीमा तक नई रेलवे लाइन के निर्माण की आस जाग गई है।
इस रेलवे लाइन के लिए उत्तराखंड बनने के बाद से ही क्षेत्रवासी संघर्षरत हैं। दरअसल रेलवे लाइन बनने के बाद जहां ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब और पूर्णागिरि माता के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को जहां सहूलियत मिलेगी, वहीं औद्योगिक नगरी एल्डिको सिडकुल को भी लाभ होगा।
उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के कार्यकाल में सितारगंज को औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित किया गया था। उन्होंने ही यहां जेल की भूमि पर एल्डिको सिडकुल स्थापित किया जिसके बाद से किच्छा से सितारगंज तक रेलवे लाइन निर्माण की मांग भी तेज हो गई। रेल जन संघर्ष समिति के संरक्षक श्याम सुंदर श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे विभाग की ओर से बार-बार सर्वे किया जाता है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से भूमि अधिग्रहण के लिए राशि नहीं दी जाती है। इसकी वजह से रेलवे लाइन का निर्माण नहीं हो पा रहा है। साल 2006-07 में खटीमा से किच्छा तक करीब 52 किलोमीटर तक रेलवे लाइन के लिए एलाइनमेंट भी किया गया था।
राज्य सरकार ने टोकन राशि भी जारी की थी लेकिन क्षेत्रीय किसानों ने अपनी भूमि पर रेल लाइन निर्माण पर आपत्ति दर्ज कर दी। इससे परियोजना अटक गई और साल 2018 में लालकुआं से शक्तिफार्म, सिडकुल व नानकमत्ता होते हुए खटीमा तक सर्वे किया गया। रेलवे विभाग तब से अब तक राज्य सरकार को भूमि अधिग्रहण कराने के लिए तीन बार पत्राचार कर चुका है, लेकिन बजट के अभाव में भूमि अधिग्रहण का काम अटका है। वे कहते हैं कि केंद्र के जारी बजट में रेलवे फंड दोगुना किए जाने से रेलवे की नई परियोजनाओं के भी पूरा होने की उम्मीद बढ़ गई है