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बायोटेक में इंटर्नशिप से स्वरोजगार के लिए सक्षम होंगे युवा

पंतनगर। जैव प्रौद्योगिकी में युवाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं। युवा पहले लक्ष्य निर्धारित करें और उसके लिए निरंतर प्रयास करे तो सफलता जरूर मिलेगी। यह बात जीबी पंत कृषि विवि के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद ;बायोटेक में अभिविन्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

डॉ. चौहान ने कहा कि हर विषय की अपनी अलग महत्ता है। आप जिस भी विषय पर कार्य करें उसमे विशेषज्ञता हासिल करें। उन्होंने युवाओं को सामान्य से हटकर सोचने और समस्या निवारण के लिए शोध कार्य करने का आह्वान किया। दरअसल बायोटेक्नोलॉजी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध को सुनिश्चित करने के लिए बायोटेक ने व्यापक स्वरूप तैयार किया है जिसे एकए तीन और छह माह के लिए संचालित किया जाएगा।
निदेशक डा. संजय कुमार की निगरानी में संचालित इस कार्यक्रम में जहां एक ओर छात्र पर्यावरणीय जैव प्रौद्योगिकी, पादप ऊतक संवर्धन, मृदारहित खेती और आण्विक जीव विज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सक्षम बनेंगे। वहीं उनको स्वरोजगार और उद्यमिता विकास की समस्त बारीकियों की भी जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा शोध प्रबंध और शोधपत्र बनाना भी सिखाया जाएगा। बायोटेक की संस्तुति के बाद ही इन छात्रों को विश्वविद्यालय डिग्रियां प्रदान करेगा।

बायोटेक में प्रदेश सहित देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 25 चयनित छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण ले रहे हैं। प्रशिक्षण के बाद वह सीधे स्वरोजगार शुरू कर सकेंगे या निजी फर्मों में आसानी से नौकरियां पा सकेंगे। वहां वैज्ञानिक डॉ. मणिंद्र मोहन, डॉ. कंचन काकी, डॉ. सुमित पुरोहित, डॉ. भास्कर तिवारी सहित बायोटेक के सभी कर्मचारी मौजूद रहे।

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