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लोहाघाट में 21 साल बाद खुले छात्रावास के ताले

लोहाघाट (चंपावत)। चंपावत जिले के पहले राजकीय डिग्री कॉलेज में महिला छात्रावास के 21 साल बाद ताले खुल गए हैं। इस छात्रावास को इसी महीने इसे संचालित किया जाएगा। आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही अब तक छह छात्राओं ने इसके लिए आवेदन किया है।

वर्ष 1979 में स्थापित लोहाघाट का स्वामी विवेकानंद राजकीय डिग्री कॉलेज जिले का सबसे पुराना और सबसे अधिक विषयों और सुविधाओं वाला कॉलेज है। जिले में यह एकमात्र डिग्री कॉलेज है, जहां बीएड की पढ़ाई की सुविधा है। विषयों ओर सुविधाओं की वजह से यहां पढ़ने वालों की संख्या भी सबसे ज्यादा 3107 है। इसमें 53 प्रतिशत छात्राएं हैं लेकिन इसी कॉलेज में 2002 में बीएडीपी से निर्मित छात्रावास अब शुरू नहीं हो सका था। कई खामियों की वजह से इसका उपयोग नहीं हो पा रहा था।
छात्रावास का उपयोग नहीं होने से दूरदराज की छात्राओं को किराये पर रहना पड़ता है। कॉलेज प्रशासन ने छात्रावास की खामी को दूर करने के साथ ही पेयजल, बिजली, सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम सहित अन्य जरूरी व्यवस्थाओं को ठीक कर दिया है। अब पूरे 21 साल बाद इस छात्रावास का उपयोग होगा। हर छात्रा को छात्रावास के लिए हर माह 750 रुपये देने होंगे। संवाद

लोहाघाट डिग्री कॉलेज के छात्रावास इस महीने शुरू हो जाएगा। छात्रावास के लिए आवेदन वाली छह छात्राओं को छात्रावास आवंटित किया गया है। छात्रावास में फि लहाल मैस की व्यवस्था नहीं है। छात्राओं को भोजन स्वयं बनाना होगा।

– डॉ. संगीता गुप्ता, प्राचार्या, राजकीय डिग्री कॉलेज, लोहाघाट।
छह कॉलेजों में नहीं है छात्रावास की सुविधा
चंपावत। जिले में सात राजकीय डिग्री कॉलेज हैं लेकिन छात्रावास सिर्फ लोहाघाट में है। चंपावत, टनकपुर, बनबसा, अमोड़ी, देवीधुरा और पाटी अन्य कॉलेज में छात्रावास की व्यवस्था नहीं है।

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