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सोलर लाइट से जगमग होगी हरिद्वार जेल, हर महीने एक लाख की बचत

हरिद्वार  प्रदेश की सबसे बड़ी जेल हरिद्वार अब सोलर प्लांट से जगमग होगी। उरेडा के सहयोग से जेल में 125 केवी का सोलर प्लांट स्थापित किया गया है। जिससे ऊर्जा सरंक्षण के साथ-साथ जेेल को हर महीने एक लाख रुपये की बचत होगी। सोलर प्लांट से संचालित होने वाली ये प्रदेश की पहली जेल बन गई है। फिलहाल पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर ये पहल की गई है। भविष्य में सोलर प्लांट की क्षमता बढ़ाई जाएगी

रोशनाबाद स्थित जिला कारागार प्रदेश की सबसे बड़ी जेल है। हालांकि, जेल की क्षमता करीब 900 बंदी है, लेकिन अमूमन 1400 से अधिक बंदी जेल में बंद रहते हैं। इसी लिहाज से जेल में बिजली-पानी की खपत भी काफी है। जेल के वरिष्ठ अधीक्षक मनोज कुमार आर्य के आने के बाद जेल में कई नए प्रयोग हुए हैं। अभी तक जेल में बिजली का बिल औसतन छह लाख रुपये प्रति माह आता है।

ऊर्जा सरंक्षण की दिशा में काम कर रहे उरेडा के सहयोग से जेल में सोलर पावर प्लांट स्थापित किया गया है। खास बात यह है कि ग्रिड पैनल के तौर पर ये प्लांट स्थापित किया गया है। जिससे सोलर प्लांट से मिलने वाली बिजली बाहर से खरीदी जाने वाली बिजली से स्वत: ही कम हो जाएगी। इस लिहाज से जेल का मासिक बिल छह लाख रुपये से घटकर पांच लाख रुपये हो जाएगा

जेल के वरिष्ठ अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जेल में उरेडा के सहयोग से 125 केवी का सोलर प्लांट लगाया गया है। जिससे बिजली के बिल में हर महीने एक लाख रुपये की बचत होगी। जल्द ही प्लांट का विधिवत उद्घााटन हो जाएगा।

कैसे काम करता है ग्रिड पैनल

सोलर प्लांट से निकलने वाली लाइन और ऊर्जा निगम से मिलने वाली बिजली की लाइन को ग्रिड पैनल में एक साथ जोड़ दिया जाता है। ग्रिड पैनल सोलर प्लांट से मिलने बिजली को आगे सप्लाई करती है, बाकी खपत के रूप में ऊर्जा निगम की बिजली का उपयोग करता है। जेल में ग्रिड पैनल क्षमता के हिसाब से 20 प्रतिशत बिजली सोलर प्लांट और 80 प्रतिशत ऊर्जा निगम की सप्लाई करेगा

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