पिथौरागढ़। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कृषि विज्ञान केंद्र गैना पिथौरागढ़ के वैज्ञानिकों ने ग्राम जजुराली में प्राकृतिक खेती पर जागरूकता कार्यक्रम एवं प्रदर्शन परीक्षण किया। नोडल अधिकारी डाॅ. अलंकार सिंह ने किसानों को प्राकृतिक खेती के फायदे एवं कृषि रसायनों के दुष्प्रभावों के बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती गाय पर आधारित खेती है जिसमें किसान गोमूत्र एवं गोबर का प्रयोग करते हैं। प्राकृतिक खेती के माध्यम से मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की संख्या में वृद्धि होती है एवं भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। सह नोडल अधिकारी डाॅ. महेंद्र सिंह ने कृषि में हानिकारक कीटों एवं बीमारियों का प्राकृतिक माध्यम से प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में किसानों को कम लागत आती है। उन्होंने किसानों को मौनपालन अपनाने के लिए भी कहा।
डाॅ. अभिषेक बहुगुणा ने किसानों को सब्जी उत्पादन में रासायनिक खादों के दुष्प्रभावों के बारे में बताया। केंद्र के सभी वैज्ञानिकों ने किसानों को जीवामृत बनाने की प्रयोगात्मक जानकारी दी एवं किसानों के गेहूं, सरसों एवं प्याज के खेतों में जीवामृत पर प्रदर्शन परीक्षण लगाए। इस दौरान रेखा भंडारी, लीला देवी, हेमा देवी, गीता देवी, ममता देवी, जानकी देवी, सुरेंद्र सिंह, केंद्र के जगदीश कुमार आदि उपस्थित रहे।