नागरिकों के अनुशासन पर निर्भर होती है राष्ट्र की प्रगति : राज्यपाल
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसके नागरिकों के अनुशासन और राष्ट्रभक्ति पर निर्भर होती है। हमारी सोच, विचार और धारणा भारतीय होनी चाहिए। उन्होंने सैनिक को एक नैचुरल लीडर बताया।
रविवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह राष्ट्रीय सैनिक संस्था के अठूरवाला विस्थापित क्षेत्र में आयोजित 16वें राष्ट्रीय अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए आज सैनिकों को भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। भारत की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास समृद्ध है। कहा कि अमृत काल का यह समय भारत का समय है। उन्होंने नगर पालिका से संसद तक पूर्व सैनिकों को मनोनीत करने के विचार को आगे बढ़ाने का भरोसा दिलाया।
उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्र में प्रतिनिधित्व से देश की उन्नति होगी। पावन चिंतन धारा आश्रम के संस्थापक प्रो. पवन सिन्हा, विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य डॉ. लोकेश मुनि ने पूर्व सैनिकों को हर स्तर पर सहयोग देने का भरोसा दिया। अधिवेशन में कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी, लेफ्टिनेंट जनरल अश्वनी कुमार बख्शी, ले.ज. शक्ति गुरुंग, राजन छिब्बर, मेजर जनरल ओपी सोनी, नीलम पंवार, बुद्धिप्रसाद शर्मा, नरेश उनियाल, राजेंद्र बगासी आदि शामिल हुए।