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एक अप्रैल से बनेंगे ग्रीन कार्ड, 20 अप्रैल से यात्रा मार्गों पर नजर आने लगेंगे चेक पोस्ट

देहरादून : चारधाम यात्रा-2023 के लिए वाहनों के ग्रीन कार्ड एक अप्रैल से बनने शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा यात्रा मार्गों पर परिवहन विभाग की पांच चेकपोस्ट 20 अप्रैल से अस्तित्व में आ जाएंगी। यात्रा को लेकर परिवहन विभाग ने कार्य-योजना को अंतिम रूप दे दिया। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय परिवहन मुख्यालय को करना है, लेकिन यात्रा के नोडल अधिकारी देहरादून आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने अपनी जो कार्य-योजना मुख्यालय को भेजी है, उसमें यही प्रस्ताव दिया गया है

बसों के संचालन का संयुक्त रोटेशन बनाने के लिए परिवहन कंपनियों को 28 फरवरी तक का समय दिया गया है। चेतावनी भी दी गई है कि अगर इस अवधि में संयुक्त रोटेशन नहीं बनाया तो परिवहन विभाग अपने स्तर से वाहनों का संचालन कराएगा। परिवहन मुख्यालय को भेजी गई कार्य-योजना में नोडल अधिकारी सुनील शर्मा ने बताया कि परिवहन विभाग की ओर से ऋषिकेश में संयुक्त रोटेशन यातायात व्यवस्था समिति का गठन कराया जा रहा है। यात्रा के दौरान बसों का संचालन कैसे होगा, इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।

संयुक्त रोटेशन के तहत नौ परिवहन कंपनियां बसें उपलब्ध कराती हैं। चूंकि, इस बार गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल से खुलने के साथ ही यात्रा शुरू हो जाएगी, ऐसे में व्यावसायिक वाहनों के ग्रीन कार्ड एक अप्रैल से बनाने की संस्तुति की गई है। बताया गया कि गत वर्ष 20303 वाहनों के ग्रीन कार्ड जारी किए गए थे, जिनमें 12060 वाहन उत्तराखंड राज्य के थे।

इस बार यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ गत वर्ष की अपेक्षा और बढ़ने का अनुमान है। ऐसे में वाहन को ग्रीन कार्ड के साथ ही ट्रिप कार्ड बनाने की सुविधा भी एक अप्रैल से शुरू करने की तैयारी है। परिवहन विभाग इस बार बसों पर हर ट्रिप कार्ड के लिए अलग-अलग रंग का स्टीकर चस्पा करेगा। इससे बसों का संचालन पूरी तरह से परिवहन विभाग की निगरानी में रहेगा।

परिवहन निगम की 100 बसें मांगी परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा में परिवहन सुविधा के लिए पहले चरण में उत्तराखंड परिवहन निगम की 100 बसों की मांग की है। आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि संयुक्त रोटेशन में शामिल नौ परिवहन कंपनियों के पास कुल 1584 बसें हैं। इनमें यात्रा के लिए 1150 बसें उपलब्ध रहेंगी। इसके अतिरिक्त 200 बसों की व्यवस्था अन्य मार्गों पर संचालित होने वाली निजी बसों, सिटी बसों और कांट्रेक्ट कैरिज की बसों से की जाएगी। कुमाऊं मंडल से 50 बसें ली जाएंगी, जबकि परिवहन कंपनियों ने 50 नई बसें और लाने की बात कही है।

यात्रा मार्गों पर इस बार परिवहन विभाग अपनी पांच चेकपोस्टों पर सीसी कैमरे लगाने के साथ इंटरनेट सुविधा देने की तैयारी कर रहा। इससे वाहनों का पूरा रिकार्ड सरकार के पास रहेगी। आरटीओ ने बताया कि पांच चेकपोस्ट में भद्रकाली, ब्रह्मपुरी, डामटा, सोनप्रयाग व कुठालगेट चेकपोस्ट शामिल हैं। यह 20 अप्रैल से अस्तित्व में आ जाएंगी। इसके अलावा यात्रा मार्गों पर प्रवर्तन कार्य भी 24 घंटे किया जाएगा। चार इंटरसेप्टर वाहन बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री मार्ग पर तैनात रहेंगे, जबकि एक इंटरसेप्टर हेमकुंठ यात्रा मार्ग पर तैनात किया जाएगा। सभी व्यावसायिक यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) अनिवार्य की जा चुकी है। इससे हर वाहन को ट्रेस किया जा सकेगा।

इस बार श्रद्धालुओं की परेशानी दूर करने के लिए यात्रा बस अड्डों पर परिवहन विभाग की हेल्प डेस्क बनाई जा रही है। यहां श्रद्धालुओं को बसों की बुकिंग की सुविधा भी मिलेगी। साथ ही अगर उन्हें यात्रा से संबंधित कोई जानकारी चाहिए, तो वह भी हेल्प डेस्क पर उपलब्ध रहेगी। यात्रा संचालन के लिए सात एआरटीओ की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके अलावा 81 होमगार्ड या पीआरडी जवान भी मांगे गए हैं। चेकपोस्ट व हेल्प डेस्क पर कार्य के लिए 22 आपरेटर बाह्यस्रोत के माध्यम से छह माह पर रखने का प्रस्ताव भेजा है।

परिवहन विभाग ने यात्रा संचालन को लेकर परिवहन मुख्यालय से दो करोड़ सात लाख रुपये का बजट मांगा है। आरटीओ की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में बताया गया कि चेकपोस्टों की स्थापना एवं उनके संचालन के लिए 48.39 लाख रुपये, हरिद्वार में यात्रियों के प्रतीक्षालय के लिए 24.49 लाख रुपये, बाह्यस्रोत कर्मचारियों के वेतन व भत्ते के लिए 134.29 लाख रुपये का बजट चाहिए

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