वाहन लावारिस हाल में छोड़ा तो उठा ले जाएगी पुलिस, वाहन चोरी की घटनाओं को देखते हुए पुलिस की पहल
देहरादून : वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं से आमजन ही नहीं पुलिस भी परेशान है। कई घटनाओं में वाहन स्वामी की लापरवाही भी होती है, जोकि वाहन में चाबी छोड़कर चले जाते हैं, जिस कारण चोर आसानी से वाहन चुरा ले जाते हैं। सड़कों पर लावारिस रूप में कार व मोटरसाइकिल छोड़ने वाले वाहन स्वामियों को सजग करने के लिए रायपुर थाना पुलिस ने पहल की है।
साथ ही चेतावनी दी है कि क्षेत्र में यदि वाहन लावारिस स्थिति में दिखेगा तो उसे पुलिस उठा ले जाएगी। यह वाहन थाने में लावारिस के रूप में जीडी में दाखिल हो जाएंगे। इसके बाद वाहन स्वामी को जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी कि वह आगे से इस तरह की गलती नहीं करेगा, जिसके बाद पुलिस वाहन को छोड़ेगी। इस पहल के सकारात्मक नतीजे भी सामने आए हैं
रायपुर पुलिस की मानें तो उनके क्षेत्र में फरवरी में एक भी वाहन चोरी नहीं हुआ। रात्रि गश्त में तैनात चीता पुलिस को क्षेत्र भ्रमण के साथ-साथ लावारिस वाहनों को उठाकर थाने में जमा करने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नशे की पूर्ति के लिए नशेड़ियों की ओर से वाहन चोरी सबसे आसान होता है। चोरी का वाहन रातों-रात कबाड़ में बिक जाता है। चोरी हुए वाहनों की बरामदगी का प्रतिशत काफी कम है। वाहन चोरी में देहरादून जिला तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2022 में कुल 1303 वाहन चोरी हुए थे, जिसमें सर्वाधिक 507 हरिद्वार, 368 उधमसिंह नगर और 296 वाहन देहरादून जिले से चोरी हुए हैं।
वर्ष 2022 में 24 तो 2021 में 18 वाहन हुए चोरी थानाध्यक्ष रायपुर कुंदन राम ने बताया कि क्षेत्र में वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। वर्ष 2022 में क्षेत्र से 24 वाहन चोरी हुए, जिसमें 18 ही बरामद हो पाए। इसी तरह वर्ष 2021 में 18 वाहन चोरी हुए, जिसमें से 14 रिकवर हुए। उन्होंने बताया कि अभियान का उद्देश्य वाहन स्वामियों को जागरूक करना है। यदि हर चालक अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से निभाएगा तो वाहन चोरी की घटनाओं में कमी आएगी।
थानाध्यक्ष ने बताया कि इस महीने अब तक 18 वाहनों को थाने में दाखिल करवाया गया है। यह वह वाहन हैं, जिनमें अधिकतर में चाबी वाहन पर ही छोड़ी गई थी। इसके अलावा कुछ ऐसे हैं, जिनका लाक सही से नहीं लगाया हुआ था और उन्हें लावारिस छोड़ा गया था। ऐसे वाहनों को लोडर में डालकर थाने लाया गया। वाहन स्वामी की ओर से दस्तावेज दिखाने और प्रार्थनापत्र देने के बाद उन्हें छोड़ा गया।