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जीएसटी की टीम ने ब्यूटीपार्लर चेन पर मारा छापा, रिकॉर्ड में मिला कुछ ऐसा जिसे देख चकराए अफसर

देहरादून: GST Raid: जो प्रतिष्ठान सीधे ग्राहकों के साथ कारोबार (बिजनेस टू कंज्यूमर) कारोबार करते हैं, उनमें बड़े स्तर पर कर चोरी देखने को मिल रही है। खासकर ब्यूटीपार्लर जैसे प्रतिष्ठान, जहां अधिकांश कारोबार नकद में होने और बिल प्राप्त करने का चलन न होने के चलते, हालात अधिक पेचीदा हैं।

पहली बार स्टेट जीएसटी की टीम ने ब्यूटीपार्लर को रडार पर लिया तो पता चला कि कर चोरी धड़ल्ले से की जा रही है। स्टेट जीएसटी की टीम ने दून की एक ब्यूटीपार्लर चेन पर छापा मारा तो सरसरे तौर पर ही लाखों रुपये की कर चोरी निकल आई। बताया जा रहा है कि गहन जांच में कर चोरी का आंकड़ा करोड़ों रुपये में जा सकता है

25 सदस्यीय टीम ने रिकॉर्ड जब्त किए

स्टेट जीएसटी के अपर आयुक्त (गढ़वाल) के नेतृत्व में यह छापेमारी प्रतिष्ठित ब्यूटी पार्लर चेन के देहरादून, मसूरी व ऋषिकेश की आठ शाखाओं पर एक साथ की गई। 25 सदस्यीय टीम ने ब्यूटीपार्लर से आय-व्यय के तमाम रिकॉर्ड जब्त किए। पता चला कि ब्यूटीपार्लर चेन अधिकांश कारोबार नकद में कर रही है।

उपायुक्त यशपाल सिंह के मुताबिक, जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक परीक्षण में ही लाखों रुपये की कर चोरी प्रकाश में आ चुकी है। नकद में कारोबाद अधिक होने के चलते मामला थोड़ा पेचीदा है, जिसके लिए गहन जांच की जरूरत है।

माना जा रहा है कि कर चोरी का आंकड़ा करोड़ों रुपये में जा सकता है। छापेमारी में उपायुक्त नेहा मिश्रा, आशीष ठाकुर, मनीषा सैनी, मनीष मिश्रा, अवधेश पांडे, संजीव त्रिपाठी, सौरभ तिवारी, सहायक आयुक्त योगेश रावत, शशिकांत दुबे, जयदीप रावत, वंदना नौटियाल, केके पांडे आदि शामिल रहे।

बिल मांगा तो दिया नहीं, गल्लों का किया परीक्षण

प्रतिष्ठित ब्यूटीपार्लर चेन में की जा रही कर चोरी की शिकायत लंबे समय से मिल रही थी। स्टेट जीएसटी के अधिकारियों ने तमाम शाखाओं को निगरानी में भी लिया। रिकॉर्ड के लिए ब्यूटीपार्लर की सेवाएं भी लीं। भुगतान करने पर अधिकारियों ने बिल मांगा तो स्टाफ ने साफ इन्कार कर दिया।

इसके बाद अधिकारियों ने ब्यूटीपार्लर चेन के गल्लों में जमा होने वाली रकम को भी निगरानी में लिया। जिसके औसत आकलन पर तय किया गया कि कारोबार के मुताबिक बेहद कम कर जमा किया जा रहा है। कर चोरी की पुष्टि हो जाने के बाद छापेमारी की कार्रवाई की गई।

ब्यूटीपार्लर चेन के कारोबार को पृथक रूप से दिखाने के लिए अलग-अलग आठ शाखाओं के आठ पंजीकरण जीएसटी में कराए गए हैं। विभागीय जांच में पता चला कि सभी शाखाओं के संचालन एक ही परिवार कर रहा है। कर चोरी से बचने के लिए सिर्फ रजिस्ट्रेशन अलग-अलग लिए गए हैं

बी-टू-सी (बिजनेस टू कंज्यूमर) वाले कारोबार नकद में ही अधिक किए जाते हैं। ऐसे में बिलिंग कराने की तरफ भी ध्यान नहीं दिया जाता। इसके चलते बी-टू-सी वाले बड़े कारोबारी प्रतिष्ठान आसानी से कर चोरी को अंजाम देते हैं।

इस तरह की प्रवृत्ति पर राज्य सरकार की बिल लाओ इनाम पाओ जैसी योजना कारगर साबित हो सकती है। क्योंकि, ग्राहकों में बिल लेने की आदत बढ़ेगी तो कारोबारी भी कर चोरी नहीं कर पाएंगे

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