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तेल, घी और मावे में मिली मिलावट, हजारों का जुर्माना

सरसों के तेल में मिलावटखोरी को रोकने के लिए खाद्य विभाग की सैंपलिंग रिपोर्ट के आधार पर एडीएम कोर्ट ने बड़ी कार्रवाही की है। सरसों के तेल के अलावा घी, मावे में भी मिलावट करने वालों पर हजारों का जुर्माना लगाया गया है।

दरअसल, देहरादून के बाजारों में मिलावटखोर बड़े पैमाने पर मिलावटी तेल बेच रहे हैं। गत वर्ष सरसों के तेल में मिलावट का मुद्दा गर्म होने के बाद यहां बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई थी। स्पेक्स नाम संस्था ने भी अपनी जांच रिपोर्ट पेशकर मिलावट का दावा किया था। संस्था के अनुसार सरसों के तेल में मिलावटखोर पीला रंग यानी मेटानिल पीला, सफेद तेल, कैस्टर ऑयल, सोयाबीन, मूंगफली व कपास के बीज का तेल, हेक्सेन की मिलावट कर रहे हैं। कुछ सैंपल में आर्जीमोन तेल की मिलावट भी पाई गई है।

एडीएम फाइनेंस केके मिश्रा ने बताया कि सरसों के तेल की सैंपल रिपोर्ट के आधार पर एडीएम वित्त कोर्ट ने कोहली ट्रेडर्स पर पांच हजार रुपये, बाबा ऑयल पर दस हजार, विमल ऑयल पर 25 हजार, राम स्वरूप अरुण कुमार पर पांच हजार, बीएन एग्रोटेक पर 25 हजार, राम स्वरूप अरुण कुमार पर पांच हजार, शिवम ऑयल पर दस हजार, शिवम ट्रेडर्स पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है।
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घी, मावा और पनीर में भी मिलावट
अकेले सरसों के तेल के सैंपल ही फेल नहीं हो रहे घी और मावे में भी मिलावट पाई जा रही है। घी में मिलावट पाए जाने पर मित्तल ट्रेडिंग पर 75 हजार, ओमसारथी डेरी पर डेढ लाख तथा मावे में मिलावट निकलने पर कृष्णा डेरी पर 30 हजार व पनीर में मिलावट निकलने पर जैन मावा भंडार पर 40 हजार का जुर्माना लगाया गया है।

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ये हैं नुकसान
ऑफ्लाटॉक्सिन्स लिवर, हाईड्रोसाइनिक किडनी तथा हेवी मेटल किडनी और हार्ट को नुकसान पहुंचाते हैं। तेल की गुणवत्ता चेक करने के बाद ही उसका प्रयोग करें। मिलावटी तेल शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक है।
– डा. विपुल कर्णवाल, गैस्ट्रोलॉजिस्ट
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किसी भी तेल को देखकर मिलावट का अंदाजा नहीं लगा सकते, न ही घरेलू ऐसी कोई विधि है, जिससे मिलावट को पकड़ा जा सके। इसलिए तेल को बदल-बदल कर इस्तेमाल करें।
स्मृति वाजपेयी, सीनियर डायटीशियन

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