राजाजी से निकलकर हिमाचल की पांवटा घाटी पहुंचा बाघ
उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर एक बाघ हिमाचल प्रदेश की पांवटा घाटी स्थित कर्नल शेरजंग बहादुर नेशनल पार्क पहुंच गया है। यहां ट्रैप कैमरे में बाघ की तस्वीरें कैद हुई हैं। उत्तर प्रदेश की शिवालिक की पहाड़ियों, चकराता के जंगलों से होते बाघ ने 150 किलोमीटर लंबी दूरी तय की।
ऐसा पहली बार हुआ है जब हिमाचल प्रदेश में किसी बाघ ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इससे जहां हिमाचल प्रदेश वन विभाग व नेशनल पार्क के अधिकारी खासे उत्साहित हैं, वहीं उत्तराखंड वन विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का मानना है कि बाघ की इतनी लंबी दूरी तय कर पांवटा साहिब घाटी पहुंचने से साबित होता है कि राजाजी से हिमाचल तक टाइगर कॉरिडोर सक्रिय है।
रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बड़ौदा ने बताया कि दो माह पूर्व टाइगर रिजर्व का एक बाघ लापता हो गया था। इसकी खोजबीन के लिए टाइगर रिजर्व की टीमें लगी हुई थीं। इस बीच हिमाचल प्रदेश वन विभाग के अफसरों ने जानकारी दी कि बाघ की गतिविधियां पांवटा घाटी स्थित कर्नल शेरजंग बहादुर नेशनल पार्क में देखी गई हैं। जानकारी मिलते ही टीम ट्रैप कैमरे लेकर हिमाचल पहुंची।
टीम ने कर्नल शेर जंग बहादुर नेशनल पार्क में ट्रैप कैमरे लगाए और वन अधिकारियों, विशेषज्ञों को प्रशिक्षण भी दिया। कई दिनों के बाद बाघ की तस्वीरों को इन ट्रैप कैमरों में कैद किया गया। पार्क में पहली बार किसी बाघ को देखे जाने से हिमाचल प्रदेश वन विभाग के साथ ही पार्क के अधिकारी खासे उत्साहित हैं।
वहीं, उत्तराखंड के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने हिमाचल के अधिकारियों से जानकारियां साझा की हैं। ऐसा पहली बार है जब राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर कोई बाघ हिमाचल प्रदेश की सीमाओं में दाखिल हुआ है।
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बाघ का हिमाचल पहुंचना अच्छा संकेत
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक का मानना है कि बाघ का हिमाचल पहुंचना अच्छी खबर है। इससे साबित होता है कि राजाजी टाइगर रिजर्व से लेकर शिवालिक की पहाड़ियों से होते हुए चकराता फॉरेस्ट डिवीजन से सटे पांवटा साहिब स्थित कर्नल शेर जंग बहादुर नेशनल पार्क का इलाका टाइगर कॉरिडोर के रूप में सक्रिय है।