ऊर्जा प्रदेश पर मंडराया संकट, रिवर्स बैंकिंग बंद, केंद्र से भी अतिरिक्त बिजली पर संशय
देहरादून: मौसम की बेरुखी आने वाले दिनों में ऊर्जा प्रदेश पर भारी पड़ सकती है। लगातार चढ़ रहे तापमान के साथ प्रदेश में बिजली की खपत भी बढ़ने लगी है। जबकि, मांग के सापेक्ष विद्युत उपलब्धता नहीं है।
एक ओर जहां पंजाब और दिल्ली से बैंक की बिजली मिलनी बंद हो गई है। वहीं, केंद्र सरकार से भी अतिरिक्त बिजली मिलने को लेकर संशय बना हुआ है। पिछले वर्ष की ही तरह इस बार भी गर्मियों में बिजली की खपत रिकार्ड स्तर पर पहुंचने की आशंका है। ऐसे में मार्च से ही प्रदेश में ऊर्जा संकट गहरा सकता है।
देशभर के साथ ही उत्तराखंड में विद्युत उत्पादन गिरा हुआ है। साथ ही गैस और कोयला प्लांट में भी सामान्य से कम उत्पादन हो रहा है। जिससे ज्यादातर राज्यों में बिजली का संकट बना हुआ है।
हालांकि, उत्तराखंड में कुछ समय से स्थिति सामान्य है, लेकिन वर्षा-बर्फबारी न होने के कारण तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। फरवरी मध्य से ही ज्यादातर क्षेत्रों में गर्मी महसूस की जा रही है। मांग और उपलब्धता के बीच बढ़ते अंतर के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती भी शुरू हो गई है।
दिल्ली और पंजाब से उत्तराखंड को रिवर्स बैंकिंग के माध्यम से मिल रही करीब 250 मेगावाट बिजली भी अब उपलब्ध नहीं है। दोनों ही राज्यों ने अपने उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए उत्तराखंड को बिजली देनी बंद कर दी है।
वहीं, केंद्र सरकार के राष्ट्रीय पूल से प्रदेश को मिल रही 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली भी आगामी 28 फरवरी के बाद से नहीं मिलेगी। ऐसे में मार्च से ही प्रदेश भीषण बिजली संकट पैदा होने की आशंका है। यदि ऊर्जा निगम केंद्र व बाजार से पर्याप्त बिजली की व्यवस्था करने में नाकाम रहता है तो प्रदेशवासियों को भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है।
केंद्रीय ऊर्जा सचिव घनश्याम के साथ ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से वार्ता की। ऊर्जा निगम ने केंद्र से मिल रही 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली को 28 फरवरी के बाद भी जारी रखने की मांग की।
जिस पर केंद्रीय ऊर्जा सचिव ने इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि देश में अन्य राज्यों में भी बिजली का संकट है। ऐसे में कई राज्यों ने केंद्र से अतिरिक्त बिजली के लिए गुहार लगाई है। सभी समीकरणों को जांचने के बाद उत्तराखंड को अतिरिक्त बिजली देने पर निर्णय लिया जाएगा।
वर्तमान में केंद्र से मिल रही अतिरिक्त बिजली
- क्षेत्रीय पूल, राज्य, बिजली, समय
- उत्तरी पूल, मध्य प्रदेश, 40 मेगावाट, अभी से 28 फरवरी तक
- पश्चिमी पूल, उत्तर प्रदेश, 40 मेगावाट, अभी से 28 फरवरी तक
- पूर्वी पूल, पश्चिम बंगाल (70)-ओडिशा (50)-बिहार (50)-असम (50), 220 मेगावाट, अभी से 28 फरवरी तक
पिछले वर्ष गर्मियों में बिजली खपत ने बनाया रिकार्ड
उत्तराखंड में पिछले वर्ष गर्मियों में बिजली खपत ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए थे। मई-जून में पहली बार प्रदेश में प्रतिदिन विद्युत खपत 50 मिलियन यूनिट के पार पहुंची थी। जो कि अब तक की सर्वाधिक मांग है।
वहीं इस बार अभी से मौसम के तेवर देखते हुए भीषण गर्मी पड़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में गर्मियों में बिजली की मांग नया रिकार्ड स्थापित कर सकती है। मार्च 2022 में प्रदेश में कुल विद्युत मांग लगभग 1300 मिलियन यूनिट रही थी। जबकि, उपलब्धता 1150 मिलियन यूनिट के करीब थी।
केंद्र से 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की गुहार लगाई गई है। यदि यह बिजली हमें नहीं मिलती है तो आने वाले दिनों में संकट पैदा हो सकता है। बढ़ती गर्मी को देखते हुए बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर पहुंचने की आशंका है। बाजार में महंगी दरों पर उपलब्ध बिजली खरीद कर आपूर्ति सुचारू रखने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, मांग बढ़ने पर कटौती करनी पड़ सकती है।
-अनिल कुमार, प्रबंध निदेशक, ऊर्जा निगम
प्रदेश में वर्तमान स्थिति
- उत्पादन, 12-13 एमयू
- केंद्र से आवंटित अंश, 19-20 एमयू
- कुल उपलब्धता, 37-39 एमयू
- कुल मांग, 39-41 एमयू