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पीवी सिंधु ने ओलंपिक पदक जिताने वाले कोच पार्क से किया किनारा, खराब फॉर्म के लिए ठहराया जिम्मेदार

भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने कोच पार्क ताए संग  से किनारा कर लिया है। कोच पार्क 2019 से सिंधु के साथ काम कर रहे थे। पार्क ताए-संग की देखरेख में सिंधु ने तीन बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर टाइल्स, सैयद मोदी इंटरनेशनल टाइटल, स्विस ओपन टाइटल और सिंगापुर ओपन टाइटल जीते। साथ ही बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में महिला एकल में स्वर्ण पदक और 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक भी जीता था।

पार्क ने सिंधु की हालिया खराब फॉर्म की जिम्मेदारी ली। उन्होंने इंस्टाग्राम पर सिंधु के साथ दो तस्वीरें शेयर कीं। इसके कैप्शन में लिखा- हैलो, आप सभी से बात किए हुए काफी समय हो गया है। मैं कुछ दिन पहले हैदराबाद वापस आया था। मैं उन सभी को धन्यवाद कहना चाहता हूं, जिन्होंने मेरे पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई। सच कहूं तो मेरे पिता की हालत अभी ठीक नहीं है। इसलिए मुझे भारत वापस आना भारी लग रहा था
पार्क ने लिखा- मैं पीवी सिंधु के साथ अपने संबंधों के बारे में बात करना चाहूंगा, जिसके बारे में कई लोगों ने पूछा है। उन्होंने हाल के कई मैचों में खराब मूव्स दिखाए हैं और एक कोच के रूप में इसके लिए मैं खुद को जिम्मेदार महसूस करता हूं। इसलिए वह एक बदलाव चाहती थीं और उन्होंने कहा है कि वह एक नया कोच ढूंढ लेंगी। मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं। मुझे खेद है कि मैं अगले ओलंपिक तक उनके साथ नहीं रह सकता, लेकिन अब मैं उन्हें दूर से उनका समर्थन करने जा रहा हूं। मुझे उनके साथ बिताया गया हर पल याद रहेगा। मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जो मुझे समर्थन और प्रोत्साहित करते रहे हैं।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधु ने 2019 में बैडमिंटन विश्व चैंपियन बनने की अपनी यात्रा को याद किया और कहा था कि वह पांच साल से अधिक समय से इस पल का इंतजार कर रही थीं। सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप के 2013 और 2014 संस्करणों में कांस्य पदक जीता था, जबकि 2017 और 2018 में दोनों मौकों पर भारतीय शटलर को फाइनल में हार मिली थी। हालांकि, 2019 में उन्होंने फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को  हराकर टूर्नामेंट जीता।

सिंधु ने कहा था- ओलंपिक पदक के बाद विश्व चैंपियन बनना मुझे लगता है यह वास्तव में एक बड़ी बात है। मैंने इसे 2019 में जीता था। मेरे लिए यह पूरी तरह से एक अलग अनुभूति थी क्योंकि मैं पांच साल से इसका इंतजार कर रही थी।

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