आर्मी इंस्टीट्यूट आफ लाॅ ने जीती राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता
आर्मी इंस्टीट्यूट आफ लाॅ ने उत्तरांचल विश्वविद्यालय के लाॅ काॅलेज में आयोजित मूट कोर्ट प्रतियोगिता जीत ली। जबकि, राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ की टीम ने दूसरा स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता में 47 विद्वानों को बतौर जज आमंत्रित किया गया था। वहीं, देशभर के 28 कॉलेजों की टीमों ने हिस्सा लिया।
रविवार को आयोजित मूट कोर्ट प्रतियोगिता में नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने कहा कि विधि व्यवसाय में हर दिन सीखने का अवसर मिलता रहता है। विधि व्यवसायी जीवनभर शिक्षार्थी रहता है। विधि व्यवसाय में पैसा, समय और स्वतंत्रता के साथ-साथ आत्मसंतुष्टि भी मिलती है। न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि एवं पीठासीन जज थे। जबकि, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप पंत, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एसबी उपाध्याय, सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट नंदनी गोरे और लाॅ काॅलेज देहरादून के डीन प्रो. राजेश बहुगुणा जज की भूमिका में थे।
मूट कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रतिभागियों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग, आत्मनिर्णयन का अधिकार और संघवाद आदि पर दावे प्रस्तुत किए। आर्मी इंस्टीट्यूट आफ लाॅ, मोहाली तर्णबीर सिंह झंडी, रक्षक त्यागी, तन्वी मिश्रा की टीम विजेता बनी। राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, पटियाला की अक्षिता सांडिल, पार्थ गोंडिया, इशिता सिंह की टीम दूसरे नंबर पर रही। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता एसबी उपाध्याय, कुलाधिपति जितेंद्र जोशी, डॉ. सतबीर सहगल, उपकुलपति प्रो. राजेश बहुगुणा, प्रो. पूनम रावत, कुमार आशुतोष, डॉ अंजुम परवेज, डॉ. कुलजीत सिंह, डॉ. अनिल दीक्षित ने संबोधित किया।
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ये भी रहे अव्वल
सर्वश्रेष्ठ पुरुष अधिवक्ता : प्रांजल मिश्रा, एसओए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ लाॅ, भुवनेश्वर
सर्वश्रेष्ठ महिला अधिवक्ता : अक्षिता शांडिल्य, राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, पटियाला
सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल : अनुष्का सिंह चौहान, शुभी जैन, घनश्याम गौर, एमिटी लाॅ स्कूल, राजस्थान
सर्वश्रेष्ठ रिसर्चर : दीप्ति यादव, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय