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एमएसएमई सेक्टर को गति मिलने की उम्मीद, स्थानियों को रोजगार मिलने की राह नजर आ रही प्रशस्त

 देहरादून :  प्रदेश सरकार के बजट से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) समूह को गति मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय बजट में एमएसएमई में दो करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले सूक्ष्म उद्योगों को कराधान में छूट देते हुए सीमा तीन करोड़ रुपये की गई है।

साथ ही एमएसएमई को भुगतान प्राप्ति में सहायता करने के लिए भी व्यवस्था की गई है और ऋण गारंटी का भी प्रविधान किया गया है। इस प्रकार के प्रविधानों से एमएसएमई क्षेत्र को विस्तार मिलने की संभावना है। इससे स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलने की राह भी प्रशस्त होती नजर आ रही है।

अब उत्तराखंड के उद्यमियों का कहना है कि राज्य सरकार बजट में केंद्र सरकार के प्रविधानों को सख्ती से पालन करवाने की गाइडलाइन बनाए। साथ ही प्रदेश में नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाए।

दरअसल, राज्य गठन के दौरान प्रदेश में 14.14 हजार एमएसएमई पंजीकृत थे और इनसे 38.50 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिला हुआ था। इसमें कुल 700 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश था। समय के साथ इनकी संख्या बढने लगी।

प्रदेश में वर्तमान समय में 71,319 एमएसएमई पंजीकृत हैं। इनसे 3.74 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिल रहा है और इनमें 32.21 हजार करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है। एमएसएमई की प्रदेश में युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने में अहम भूमिका है।

उद्योगपतियों की राय

एमएसएमई क्षेत्र के उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कौशल विकास व स्टार्टअप के लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि प्रदेश सरकार इन उद्योगों को सब्सिडी देती है तो प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र को गति मिलेगी और युवाओं को स्टार्टअप के रूप में स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ ही अन्य व्यक्तियों को रोजगार देने में भी मदद मिलेगी।

-विजय सिंह तोमर, प्रांतीय महामंत्री, लघु भारती, उत्तराखंड

 

प्रदेश सरकार की आय का एक बड़ा स्त्रोत एमएसएमई सेक्टर भी है, इसलिए राज्य सरकार को इन छोटे उद्योगों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए कुछ और रियायत देनी चाहिए। ग्रीन इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। सरकार को प्लान और मशीनरी में सब्सिडी देनी चाहिए।

– राकेश भाटिया, चेयरमैन, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन उत्तराखंड

लघु उद्योगों को विस्तार देने के लिए प्रदेश सरकार को लैंड बैंक बनाने की ओर ध्यान देना होगा। नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने से अन्य राज्य के एमएसएमई उद्योग प्रदेश में निवेश करने के आकर्षित होंगे। एमएसएमई सेक्टर के उद्योगों से व्यक्तियों को आसानी से रोजगार प्राप्त होता है।

– अनिल मारवाह, संयोजक, फूड प्रोसेसिंग यूनिट उत्तराखंड

 

प्रदेश सरकार को अपने बजट में पुराने औद्योगिक क्षेत्र की बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के लिए बजट का प्रविधान करना चाहिए। मसलन सड़क, सीवरेज, ट्रीटमेंट प्लांट, पौधारोपण, पेयजल, विद्युतीकरण पर ध्यान देना चाहिए। सेलाकुईं में 220 केवी का विद्युत सब-स्टेशन लगाने की दिशा में काम करने की जरूरत है।

 

– सुनील उनियाल, अध्यक्ष उत्तराखंड इंडस्ट्रीयल वेलफेयर एसोसिएशन

प्रदेश में वर्षवार पिछले पांच सालों में स्थापित एमएसएमई

  • वर्ष, एमएसएमई
  • 2018-19-3647
  • 2019-20 – 4181
  • 2020-21 – 4271
  • 2021-22 – 2929
  • 2022-23 – 2944

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