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वाहन पार्किंग के लिए जूझ रहा ऐतिहासिक ताड़ीखेत कस्बा

रानीखेत/ताड़ीखेत (अल्मोड़ा)। ऐतिहासिक ताड़ीखेत कस्बा एक अदद वाहन पार्किंग के लिए जूझ रहा है। पार्किंग के अभाव में लोग सड़क किनारे वाहनों को खड़ा करने के लिए मजबूर हैं जिस कारण आए दिन जाम लग रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़ा करना भी खतरे से खाली नहीं है। कभी वाहनों से तेल चोरी हो रहा है तो कभी तोड़फोड़ भी की जा रही है। पिछले साल सड़क किनारे खड़ी एक कार के ऊपर चीड़ का पुराना पेड़ तक गिर चुका है। लोगों ने ताड़ीखेत कस्बे में पार्किंग बनाने की मांग की है लेकिन यहां आरक्षित वन क्षेत्र की अधिकता के कारण पार्किंग के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है।

ताड़ीखेत समेत कई जगह की आबादी निरंतर बढ़ रही है। ब्लॉक मुख्यालय होने के कारण यहां 130 ग्राम सभाओं के लोग रोज अपने वाहन लेकर आते हैं। इसके बावजूद पार्किंग की सुविधा नहीं मिल सकी है। यहां वाहनों का दबाव बढ़ने पर लोग सड़कों के किनारे वाहन खड़े कर देते हैं जिस कारण आए दिन जाम लग जाता है। विवाह समारोह आदि सार्वजनिक कार्यक्रम होने पर परेशानी बढ़ जाती है। पार्किंग न होने के कारण सड़क किनारे ही वाहन खड़ा करना उनकी मजबूरी हो जाती है। इस कारण ताड़ीखेत में जाम जैसी स्थिति पैदा हो जाती है।

दूरदराज से जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकार से कई बार गुहार लगाने के बावजूद पार्किंग व्यवस्था नहीं हो सकी है। स्थानीय व्यापार मंडल अध्यक्ष विजयशंकर बिष्ट, ध्यान सिंह नेगी, विजेंद्र भगत, गोपाल सिंह अधिकारी, बहादुर रावत, पप्पू पडलिया, प्रमोद रावत, दीवान सिंह नेगी, संजय पांडे आदि ने ताड़ीखेत में पार्किंग बनाने की मांग की है।

ताड़ीखेत कस्बे में पार्किंग बेहद जरूरी है लेकिन यहां उपलब्ध खाली जगह आरक्षित वन क्षेत्र में शामिल है। वाहन पार्किंग के लिए भूमि की तलाश की जा रही है। भूमि मिलते ही यहां वाहन पार्किंग बना दी जाएगी। – जय किशन, संयुक्त मजिस्ट्रेट, रानीखेत।

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