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74 लाख रुपये से बुझेगी गर्मियों में प्यास

चंपावत। चंपावत जिले में गर्मियों में पेयजल किल्लत की समस्या को दूर करने के लिए जलसंस्थान ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए जलसंस्थान ने 74 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार कर शासन को भेजी है। सड़क मार्ग से जुड़े संवेदनशील क्षेत्रों में टैंकरों के अलावा पिकअप से पानी की आपूर्ति की जाएगी। विभाग के सात टैंकरों के अलावा किराये पर 16 पिकअप से पानी बांटा जाएगा। नई व्यवस्था मध्य मार्च से शुरू होगी।

जलसंस्थान ने गर्मियों में पानी की कमी दूर करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है। इसके लिए शहरी क्षेत्रों में 44.48 लाख रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 29.35 लाख रुपये की मांग की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में दो जनरेटर की भी व्यवस्था की जाएगी। पेयजल वितरण के लिए पांच हैंडपंप और पेयजल वितरण की व्यवस्था के लिए कुल 74.83 लाख रुपये का आगणन शासन को भेजा है।

गर्मियों में पेयजल संकट से निपटने के लिए विभाग की पूरी तैयारी है। विभागीय टैंकरों के अलावा किराये पर पिकअप की व्यवस्था की जा रही है। पेयजल वितरण के लिए रोस्टर तैयार कर लिया गया है।
– विलास युनुस, ईई, जल संस्थान चंपावत।

यह है कार्ययोजना:
शहरी क्षेत्रों में:
1. चंपावत में दो विभागीय टैंकरों के अलावा छह पिकअप किराये पर ली जाएंगी। इसके अलावा दो हैंडपंप लगाए जाएंगे।
2. लोहाघाट में एक विभागीय टैंकर के अलावा दो पिकअप किराये पर लेने के साथ ही दो हैंडपंप लगाए जाएंगे।
3.टनकपुर में एक विभागीय टैंकर से आपूर्ति करने के अलावा एक हैंडपंप लगाया जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में:
1.पूर्णागिरि क्षेत्र में एक विभागीय टैंकर के अलावा किराये की एक जीप से पेयजल आपूर्ति होगी।
2.पाटी क्षेत्र में एक विभागीय टैंकर के साथ किराये की पिकअप से पानी बांटा जाएगा।
3.बाराकोट, पुलहिंडोला, किमतोली, चौड़ाराजपुरा, खर्ककार्की और सूखीढांग में किराये की एक-एक पिकअप पेयजल वितरण किया जाएगा।

कम बारिश से पेयजल संकट बढ़ने की आशंका
चंपावत। इस बार जाड़ों में बर्फबारी तो दूर, बारिश भी नाम भर की हुई है। नवंबर से अब तक 29 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। इस कारण पेयजल स्रोतों में गिरावट का अंदेशा बढ़ा है। अब तक विभागीय आकड़ें भी करीब 20 प्रतिशत कमी आने की बात कह रहे हैं। ऐसे में विभागीय वैकल्पिक उपायों के बावजूद गर्मियों में पेयजल किल्लत बढ़ने का खतरा है।

चंपावत जिले में रोजाना औसतन 178.67 लाख लीटर पानी चाहिए, लेकिन फिलहाल पानी 105.26 लाख लीटर (58.91 प्रतिशत) ही मिल रहा था। तपिश बढ़ने के साथ आने वाले दिनों में इसमें 20 प्रतिशत तक की और कमी आ सकती है। शहरी क्षेत्र में लोहाघाट सबसे संवेदनशील है। यहां एक दिन छोड़कर पानी वितरित करने के अलावा दूसरे वैकल्पिक उपाय किए जाएंगे।

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