स्वच्छ, सुजल, शक्ति सम्मान से सम्मानित होंगी पुरड़ा की प्रधान
बागेश्वर। पुरड़ा की ग्राम प्रधान कविता देवी का चयन स्वच्छ, सुजल, शक्ति सम्मान के लिए हुआ है। नई दिल्ली में चार मार्च को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित किया जाएगा। कविता का पुरस्कार के लिए चयन होने पर जिलेवासियों ने खुशी जताई है।
स्वच्छ, सुजल, शक्ति सम्मान पुरस्कार महिला ग्राम प्रधानों को दिया जाता है। पुरस्कार हासिल करने के लिए गांव का ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) और ओडीएफ प्लस (ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन) घोषित होना जरूरी है। ग्राम प्रधान कविता देवी के नेतृत्व में नौ अगस्त 2021 को पुरड़ा गांव ओडीएफ प्लस घोषित हो गया था। इससे पूर्व वर्ष 17 जून 2017 में गांव को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है। सम्मान प्राप्त करने के लिए 15 फरवरी तक आवेदन किया जाना था। कविता ने ऑनलाइन आवेदन किया। पुरस्कार की सभी योग्यताएं पूरी होने के चलते उनका पुरस्कार के लिए चयन हो गया है। महीने में दो बार सफाई का नियम बना नजीर
बागेश्वर। वर्ष 2019 में ग्राम प्रधान बनने के बाद कविता ने 15 दिन में एक बार पूरे गांव की सफाई करने का नियम बनाया जिसमें प्रत्येक घर से एक सदस्य से शामिल होने की अपील की गई। शुरू में इसका असर कम हुआ लेकिन धीरे-धीरे लोग कार्य से जुड़ते गए। गांव भ्रमण के दौरान स्वजल के कर्मचारियों ने इस पहल में शामिल लोगों को ओडीएफ प्लस के लिए प्रेरित किया। प्रधान कविता के नेतृत्व में गांव में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य शुरु हो गए। गांव में सर्वसम्मति से दो अजैविक कूड़ा निस्तारण के लिए दो कूड़ा संग्रहण केंद्र बनाए गए हैं। रास्तों के किनारे नालियों का निर्माण किया गया है। राबाइंका पुरड़ा में ग्राम पंचायत की ओर से एक सेनेटरी वेंडिंग मशीन भी लगाई गई है।
60 आवेदन में सिर्फ दो का चयन
बागेश्वर। स्वजल परियोजना के सामुदायिक विकास विशेषज्ञ गिरिजा शंकर भट्ट ने बताया कि पुरड़ा गांव में स्वच्छता के लिए शानदार कार्य हुआ है। स्वच्छ, सुजल, शक्ति सम्मान के लिए पूरे प्रदेश से 60 महिला ग्राम प्रधानों ने आवेदन किया था। चयन केवल दो ग्राम प्रधानों का हुआ है। पुरड़ा की प्रधान के अलावा देहरादून से भी एक ग्राम प्रधान का सम्मान के लिए चयन हुआ है।
पति का मिलता है भरपूर सहयोग
बागेश्वर। ग्राम प्रधान कविता देवी की सफलता के पीछे उनके पति रमेश नाथ गोस्वामी का बड़ा हाथ है। निजी व्यवसाय करने वाले गोस्वामी हर कदम पर पत्नी के साथ खड़े रहते हैं। घर के कार्य में हाथ बंटाना हो या छोटे बच्चों की देखभाल करना, वह हरसंभव मदद करते हैं। गोस्वामी ने बताया कि इन दिनों कविता जम्मू-कश्मीर में भ्रमण-प्रशिक्षण कार्यक्रम में गई हैं। वहां से लौटते हुए वह दिल्ली पहुंचेंगी। तीन मार्च को उनकी दिल्ली में रिहर्सल होगी और चार मार्च को पुरस्कार दिया जाएगा