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गेहूं का उत्पादन गिरने की आशंका : डॉ. क्वात्रा

काशीपुर। मौसम में अपेक्षाकृत तेजी से गर्मी बढ़ने और हवाएं चलने से गेहूं का उत्पादन कम हो सकता है। कृषि वैज्ञानिक केंद्र (केवीके) के डॉ. जितेंद्र क्वात्रा ने कहा कि गेहूं की फसल में फ्लोरिंग के बाद दाने पड़ने की प्रक्रिया चल रही है। इसी मौसम में तेजी से बदलाव आ रहा है। पिछले वर्षों की अपेक्षा तापमान अधिक है। अगर गर्मी बढ़ी और हवा भी तेज चली तो लू का चलना गेहूं की फसल के लिए ठीक नहीं माना जाएगा।
केवीके के वैज्ञानिक डॉ. क्वात्रा ने कहा कि इन दिनों तापमान पिछले वर्ष से करीब दो-तीन डिग्री अधिक है। गेहूं की फसल पकने के लिए 30 डिग्री तक तापमान उचित है। तापमान अधिक बढ़ने से गेहूं की फसल में जबरन परिपक्वता आती है जिससे बालियों में स्वस्थ दाना नहीं बनता। दाना छोटा या सिकुड़ा होता है। इससे उत्पादन गिरता है। खेत में नमी की कमी हो जाती है।

उन्होंने किसानों को गेहूं के खेत में हल्की सिंचाई करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि फसल बचाने के लिए खेत में पोटेशियम क्लोराइड 0.20 प्रतिशत का पानी में घोल बनाकर छिड़काव किया जाए या एमओपी 200 ग्राम को 100 लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काव किया जाए। पोटेशियम पौधों में जल प्रतिधारण करने, ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड के स्तर को नियंत्रित करता है।
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