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कोआर्डिनेशन काशीपुर में 450 मेगावाट बिजली उत्पादन की उम्मीद

काशीपुर। जल्द ही काशीपुर में साढ़े चार सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू होने की उम्मीद जगी है। राज्य और केंद्र सरकार की बैठक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैस सस्ती होने की सुगबुगाहट से आस बढ़ गई है। अगर प्लांट चले तो आमजन के साथ ही उद्योगों को राहत मिलेगी।
काशीपुर में श्रवंती और गामा नाम के दो बिजली उत्पादक पावर प्लांट महुआखेड़ागंज में स्थित हैं। लगभग एक साल से दोनों प्लांट से बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। वर्तमान बिजली संकट को देखते हुए गैस आधारित इन दोनों पॉवर प्लांट को चलाने की जरूरत समझी जा रही है।

उद्यमी लंबे समय से बिजली संकट दूर करने की मांग कर रहे हैं। औद्योगिक सलाहकारों का मत है कि अगर बिजली की समस्या लंबे समय तक रही तो उद्योगों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा और एक दौर ऐसा आ जाएगा जब कई उद्योग बंद करने पड़ें। अगर उद्योग बंद होते हैं तो नुकसान एक तरह से जनता का ही होगा। पहला नुकसान रोजगार छिनेगा दूसरा उद्योगों में बैंक के जरिये लगा जनता का पैसा डूब जाएगा। ऐसे में एक ओर बेरोजगारी बढ़ेगी और दूसरी ओर गरीबी बढ़ेगी। सीधे तौर पर न सही, लेकिन इससे नुकसान जनता का ही होगा

महंगी गैस से नहीं आ पा रहा औसत
ऊर्जा उत्पादक पॉवर प्लांट के संचालकों का कहना है कि यूक्रेन और रूस युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैस के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है। गैस इतनी महंगी हो गई कि बिजली बनाने में नुकसान होने लगा। लागत निकालना मुश्किल हो गया। जिसके बाद बिजली बनाना बंद कर दिया गया। अब गैस के दाम एक बार फिर सस्ते होने की सुगबुगाहट है। ऐसे में जल्द ही दोबारा प्लांट चल सकते हैं। श्रवंती और गामा दोनों प्लांटों की बिजली उत्पादन क्षमता 225-225 मेगावाट बताई जा रही है। अगर दोनों प्लांट चले तो सीधे तौर पर साढ़े चार सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा।

संकट से उबारने के लिए केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र
काशीपुर। गलवालिया इस्पात उद्योग के निदेशक योगेश कुमार जिंदल ने केंद्रीय कैबिनेट मंत्री आरके सिंह को पत्र लिखकर बिजली संकट से उबारने की मांग की है। जिंदल की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि एक मार्च से उत्तराखंड में भारी बिजली कटौती हो सकती है। इस संकट से बचाने में गैस चलित ऊर्जा उत्पादक पॉवर प्लांट सहायक हो सकते हैं। जिंदल ने कहा कि गैस आधारित बिजली उत्पादक प्लांटों को राष्ट्र हित में चलाना आवश्यक है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री सहित तमाम जनप्रतिनिधियों और अधिकरियों को अवगत कराया है।

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