वैज्ञानिकों और किसानों के बीच महत्वपूर्ण कड़ी है किसान मेला: कुलपति
पंतनगर। जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय में चले चार दिवसीय किसान मेले का समापन हो गया। विवि के गांधी हाल में समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विवि कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि यह किसान मेला सभी के सहयोग से सफल हो पाया है। विकसित तकनीकों को इसके माध्यम से हितधारकों, उद्यमियों और किसानों के बीच पहुंचाया जाता है। किसान मेला वैज्ञानिकों और किसानों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। कहा कि मेले में किसानों ने बढ़़ चढ़कर हिस्सा लिया है।
कुलपति ने कहा कि छोटे किसान अपने क्षेत्रों के कृषि विज्ञान केंद्रों पर पंजीकरण अवश्य कराएं, ताकि उनको तकनीकों की जानकारी मिल सके। कहा कि विभिन्न विद्यालयों से 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों ने भी मेले में लगी प्रदर्शनी में तकनीकों की जानकारी ली। निदेशक शोध डॉ. एएस नैन और डॉ. एसके बंसल ने सभी का धन्यवाद दिया। वहां पर विवि के सभी अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, विद्यार्थी व कृषक मौजूद थे।
मेले में विवि के 18 लाख रुपये के बीज बिके
पंतनगर। निदेशक प्रसार शिक्षा और मेला प्रभारी डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि विवि के लगभग 18 लाख रुपये के बीज, पौधे और कृषि साहित्यों की बिक्री की गई है। उन्होंने बताया कि मेले में विभिन्न फर्मों, विवि और अन्य सरकारी संस्थाओं के छोटे-बड़े लगभग 370 स्टाल लगाए गए और नौ हजार पंजीकृत, अपंजीकृत किसानों ने मेले का भ्रमण किया। उन्होंने डॉ. एसके बंसल को 25 वर्षों से किसान मेले में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए बधाई दी। संवाद
किसान फर्टिलाइजर का स्टॉल सर्वोत्तम
पंतनगर। विवि परिसर में चले चार दिवसीय किसान मेले के समापन समारोह में मेले के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं और चयनित स्टाॅलों को पुरस्कृत किया गया। जिसमें सर्वोत्तम स्टाॅल के लिए मैसर्स किसान फर्टिलाइजर्स एजेंसी काशीपुुर और सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए मैसर्स सरस्वती एग्रोलाइफ साइंस पंजाब को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा किसान मेले में आयोजित पशु प्रदर्शनी और अन्य प्रतियोगिताओं में विभिन्न स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को भी पुरस्कार दिए गए। मेले में लगाए गए विभिन्न वर्गों के स्टॉलों को भी उनके प्रदर्शन और बिक्री के आधार पर पुरस्कृत किया गया। संवाद
गन्ने की ठंडी चाय रही आकर्षण
पंतनगर। मेले में ’गन्ना चौपाल’ के स्टॉल पर गन्ना विभाग किच्छा की प्रचार-प्रसार प्रभारी रीना नौलिया की ओर से प्रशिक्षित महिला समूह और उत्तराखंड की महिला कृषकों की ओर से डॉ. गोराया की लैब में तैयार टिश्यू कल्चर गन्ने की दूसरी पीढ़ी के गन्ने की नर्सरी तैयार कर किसानों को नई प्रजातियों का बीज उपलब्ध कराया गया। गन्ने का जूस और पहाड़ों पर कम कीमत में उपलब्ध प्राकृतिक नीबू, अदरक और पुदीने का ताजा जूस उपलब्ध कराया गया। इसके अलावा मेलार्थियों के लिए गन्ने की ठंडी चाय भी उपलब्ध कराई गई, जिसे बड़ी संख्या में लोगों ने पसंद किया